Published On : Tue, Jul 12th, 2016

120 रूपए से ज्यादा में नहीं बिकेगी तुअर दाल

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राज्य सरकार कानून बनाने की तैयारी में…

Tur dal
नागपुर:
राज्य सरकार दाल की खुदरा बिक्री के लिए नए मापदंड बनाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए बकायदा नियम भी तैयार किये जा रहे है। राज्य के खाद्य व आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट के मुताबिक खुदरा बाजार में दालों की कीमत चिंता की बात है। इसके लिए राज्य सरकार ने एक कानून बनाया है। जिसके तहत 120 रूपए से ज्यादा की दर से तुअर दाल नहीं बेचीं जा सकेगी। राज्य सरकार ने इस संबंध में केबिनेट ने मसौदा भी भेजा है। जो फ़िलहाल राष्ट्रपति के पास है। इस मसौदे पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हो जाने के बाद राज्य में दाल की अधिकतम बिक्री मूल्य निर्धारित हो जायेगा।

मंगलवार को खाद्य व आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट नागपुर में थे यहा उन्होंने दाल के खुदरा होलसेल व्यापारी, व्यापारियों के प्रतिनिधियों और दाल मिल मालिकों से इसी संबंध में चर्चा की। सरकार ने दाल बिक्री के अधिकतम दर 120 रूपए भले ही तय किये हो पर यह दर अलग-अलग भागो के लिए भिन्न रहेगे। यह दर व्यापारियों से चर्चा के बाद तय होगा। इसी को लेकर बापट ने आज दाल व्यापारियों से चर्चा की। खाद्य मंत्री के मुताबिक देश में खपत के अनुपात में सिर्फ 30% उत्पादन देश में दाल का होता है। जब कि 70% दाल आयात की जाती है। भारत दुनिया सबसे बड़ा दाल का आयातक देश है। पर अब प्रयास हो रहे है की देश में दालों का उत्पादन बढ़ाया जाये। राज्य की जनता को दाल की कमी से नहीं जूझना पड़ेगा केंद्र से हाल ही में 750 टन दाल राज्य को उपलब्ध हुई है और आने वाले कुछ दिनों में 2 हजार टन दाल और उपलब्ध होगी। बाजार में दाल की कमी नहीं है। केंद्र सरकार के पास दाल का बंपर स्टॉक है। साथ ही में दाल का उत्पादन भी बढ़ा है। आने वाले वक्त में तुअर दाल की खुदरा बाजार में बिक्री अधिकतम 120 रूपए तय हो जाएगी। सरकार भी व्यापारियों से दाल खरीद कर के स्टॉक करेगी।

अंत्योदय-बीपील कार्ड धारकों को राशन कार्ड पर मिलेगी दाल
गिरीश बापट के मुताबिक राज्य सरकार ने राज्य के 72 लाख अंत्योदय और बीपील कार्ड धारक परिवारों को राशन कार्ड पर हर महीने 1 किलो दाल उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। एक किलो दाल पर्याप्त तो नहीं है पर उससे कुछ तो राहत होंगी ही। एक परिवार को महीने में एक किलो दाल सब्सिडी रेट में उपलब्ध होगी। यह दर कितनी होगी, अध्ययन के लिए एक समिति बनाई गई है, जो कुछ ही दिनों में अपनी रिपोर्ट विभाग को सौपेंगी। प्रत्येक शहर में विभाग खुद व्यापारियों से दाल की खरीदी करेगा और गरीब परिवारों तक पहुचाएगा।

दाल उत्पादन बढ़ाने पर रहेगा जोर
दाल की कमी के कारण लगभग हर वर्ष ही दाल की कीमतें बढ़ती है। कालाबाजारी की वजह से दाल का दाम मुनाफा कमाने का सौदा बन जाता है। पर सरकार अब दाल के उत्पादन को बढ़ावा देने का विचार कर रही है मौसम की बेरुखी और महगाई से किसान दाल की खेती करने से बचते है पर अब सरकार दाल का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को बीज, खाद और औषधी मुहैया कराने के साथ ही प्रोत्साहन निधि भी उपलब्ध कराएगी। विदर्भ, मराठवाड़ा क्षेत्र किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के लिए भी सरकार अध्ययन कर रही है।