किसानों को कृषी ऋण मुहय्या कराये अन्यथा आंदोलन
काटोल: खरीफ सीजन से पहले बीएलबीसी की कोई बैठक नहीं हुई है एक तरफ, कोरोना का संकट और दूसरी ओर, किसान सुल्तानी संकट से जूझ रहा हैं। वहीं कपास की खरीद धीमी गति से शुरू है। किसानों के पास बीज,खाद, और बुवाई के लिए पैसा नहीं है, उनके लिए एकमात्र साधन फसल ऋण प्राप्त करना है। सरकार ने कटोल तालुका के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये फसल कर्ज वितरण का लक्ष्य रखा है। इसने 17 राष्ट्रिय कृत बैंकों और 1नागपुर जिला सहकारी बैंकों को काटोल तहसील के छह राजस्व मंडलों के 30हजार किसानों को कृषी फसल कर्ज वितरित करना है।
किंतू 10/6/2020 काटोल उपविभाग राजस्व अधिकारी द्वारा जारी किए गए आंकड़े चौंकाने वाले हैं। राष्ट्रीय कृत बैंकों ने केवल 468 किसानों को 4,97,89,000 रुपये के नए फसल ऋण और 714 किसानों को 6,97,63,000 रुपये के नियमित फसल ऋण और 1,182 किसानों को कुल 1,195 लाख रुपये का ऋण दिया। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब तकदिये गये लक्ष्य का मात्र 12 प्रतिशत आवंटित किया गया है।
काटोल पंचायत समिती के पुर्व सभापति संदिप सरोदे ने बताया की जो सरकार, किसानों को फसल ऋण किसानों के खेतों पर ऋण देने का वादा कर चुनाव जीती है पर अभी वही सरकार चीर निद्रामें सो रही है। हमारी मांग है कि महाकविकास गठबंधन की सरकार किसानों को दिये वादे पुर्ण करने में असफल ज्ञापन में संदीप सरोदे ने मांग की है की किसानों को फसल ऋण ग्रा प स्तर पर ऋण शिबीर लगाकर किसानों को कृषी फसल ऋण मुहैय्या कराये ।
नागपुर जिला मध्यवर्ती बैंकों ने अब तक कृषी ऋण वितरीत नही किया है। क्योंकि जिला मध्यवर्ती बैंकों के पास कृषी ऋण वितरण के लिये कोई पैसा नहीं है। राज्य सरकार को तुरंत पैसा मुहैया कराना चाहिए और फसल ऋण वितरित करना चाहिए। साथही सहायक रजिस्ट्रार के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
अन्यथा हमें आंदोलन के लियें सडकों पर उतरना पडेगा।