Published On : Tue, Aug 30th, 2016

मुख्यमंत्री के पास फीता कटाने का समय है विदर्भ समस्याओं के लिए नहीं : किंमतकर

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Kimmatkar
नागपुर:
विदर्भ के मुद्दे की राजनीति कर मुख्यमंत्री बने देवेंद्र फडणवीस पर अब विदर्भवादी जमकर प्रहार कर रहे है। विदर्भ के अनुशेष को जानकर पूर्व मंत्री मधुकरराव किंमतकर ने तो मौजूद सरकार को पिछली सरकार से भी विदर्भ के संबंध में असफल करार दिया है। मामा के मुताबिक यह सरकार विदर्भ के अनुशेष को दूर करने में किसी भी तरह का प्रयास नहीं कर रही। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जब विरोध में थे तब उनसे जानकारी लेकर विधिमंडल में विदर्भ के मुद्दे उठाते थे। पर अब उनके पास विदर्भ के लिए समय ही नहीं है। नागपुर में आने के बाद उनके पास विधायक के जनसंपर्क कार्यालय के उद्घाटन करने का समय है पर विदर्भ की समस्या जानने, उनसे मिलने या बात करने का नहीं।

मामा ने कहा उन्होंने मुख्यमंत्री के लिए विदर्भ की समस्याओं को लेकर निवेदन तैयार कर लिया है। अगर उन्होंने वक्त दिया तो वो इसे मुख्यमंत्री को जरूर देगे। मामा ने मुख्यमंत्री को सलाह दी कि जितना समय फीता कटाने में लगाते है उतना अगर विदर्भ के प्रश्नों को दिया तो यहा की जनता का कुछ भला भी हो जायेग।

सरकार छुपा रही विदर्भ में ख़र्चे का हिसाब
विदर्भ वैधानिक विकास महामंडल के सदस्य के रूप में सेवा दे रहे मामा लगातार विदर्भ के लिए की जा रही उपेक्षा पर सरकार पर नाराजगी जाता रहे है। अब उन्होंने हर हफ्ते एक विषय का प्रश्न उठाने और उससे जुड़े तथ्य जनता के सामने मीडिया के माध्यम से उठाने का मानस बनाया है। मंगलवार 30 अगस्त 2016 को मीडिया से बात करते हुए मामा ने विदर्भ में रोजगार के संबंध में अपना मुद्दा सामने रखा। मामा का कहना है कि अन्य क्षेत्रो की तरह रोजगार को लेकर भी भारी अनुशेष है। सरकार ने 20 जून 2015 को वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की अध्यक्षता में विदर्भ के रोजगार अनुशेष का अध्ययन करने के लिए समिति का गठन हुआ था। इस समिति को दो महीने के भीतर रिपोर्ट राज्यपाल को सौपी जानी थी। पर अब तक इस रिपोर्ट पर क्या काम हुआ इसकी जानकारी किसी को नहीं। उन्होंने राज्यपाल के कार्यालय को और 6 जनवरी 2016 को वित्त मंत्री को इस रिपोर्ट की जानकारी हासिल करने के लिए पत्र लिखा है। लेकिन सरकार ने यह रिपोर्ट राज्यपाल को ही नहीं सौपी है। सरकार के इस रवैये से मामा ने अपनी हताशा व्यक्त करते हुए कहा कि देवेंद्र फडणवीस से विदर्भ को काफी उम्मीद थी। पर जिस तरह विदर्भ से जुडी जानकारी छुपाई जा रही है उससे उन्होंने सरकार की मंशा पर ही सवाल खड़ा किया है।

यही लोग जो राज्यपाल के निर्देश का उल्लंघन करने का आरोप लगाते थे आज खुद उसी राह पर चल रहे है। मुख्यमंत्री सिर्फ राज्यपाल ही नहीं बल्कि उच्चन्यायलय की भी अवमानना कर रहे है। कलम 371 / 2 के तहत राज्यपाल के निर्देशो का पालन करना राज्य सरकार पर बंधनकारक है। इसके बावजूद अब भी विदर्भ के हिस्से की राशि राज्य के अन्य भागो में हस्तांतरित किये जाने का आरोप उन्होंने लगाया। वहीं इस जानकारी को छुपाने के कृत्य को विदर्भ की जनता के साथ धोखा करार दिया। जनसंख्या के आधार पर सरकारी नोकरी में क्षेत्रवार प्रतिनिधित्व के सवाल पर उन्होंने कई पत्र लिखे पर कही से उन्हें समाधानकरार जवाब नहीं मिला।

निम्न पैनगंगा को राष्ट्रीय प्रकल्प बनाने के लिए सरकार करे प्रयास
किंमतकर ने विदर्भ में सिंचन क्षेत्र को बढ़ाने में मदतगार साबित होने वाले निम्न पैनगंगा प्रकल्प को राष्ट्रीय प्रकल्प बनाने का प्रयास करने की मांग राज्य सरकार से की है। किंमतकर के मुताबिक यवतमाल और चंद्रपुर जिले में सिंचन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए यह प्रकल्प काफी मदतगार साबित हो सकता है। यह प्रकल्प अगर राष्ट्रीय प्रकल्प बन जायेगा तो लागत की 90% राशि केंद्र से मिलेगी जिससे राज्य सरकार को आर्थिक बोझ नहीं बढ़ेगा इसके साथ ही इन दोनों आत्महत्याग्रस्त जिलो के किसानों को पानी उपलब्ध हो पायेगा। राज्य करकर अगर संजीदगी से प्रयास करती है तो केंद्र यह फैसला ले सकता है।