Published On : Mon, Mar 18th, 2019

सोशल मीडिया पर रहेगी चुनाव आयोग की पैनी नजर- अश्विन मुदगल

लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया हुई शुरू

नागपुर- लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो गई है. यह प्रक्रिया 25 मार्च तक जारी रहेगी. इस बार चुनाव आयोग द्वारा कई तरह के सुधार और बदलाव किए गए हैं, जिसकी जानकारी नागपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अश्विन मुदगल ने सोमवार को पत्रकारों को दी. मुदगल ने बताया कि उम्मीदवारों द्वारा नामांकन भरे जाने के समय जमा किए जानेवाले फॉर्म नंबर 2 A और फॉर्म नंबर 26 ( सत्यापन ) के प्रारूप के नए फॉर्मेट को जारी किया गया है. जिसके अनुरूप ही उम्मीदवारों को अपना नामांकन भरना होगा. जिले में कुल 40 लाख 24 हजार 197 मतदाताओं का पंजीयन है लेकिन आयोग द्वारा 31 जनवरी 2019 तक नए सिरे से चलाए गए अभियान के तहत 64 हजार 895 नए मतदाताओं ने अपना पंजीयन कराया है. जिले में कुल 4382 पोलिंग स्टेशन है जिनमे से 82 को संवेदनशील घोषित किया गया है. नए रजिस्टर्ड मतदाताओं के लिए अतिरिक्त 47 पोलिंग स्टेशन बनाये जाएगे.

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चुनाव में दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष सुविधा की गई है. जिसके तरह उन्हें मतदान केन्द्रो तक पहुँचने की व्यवस्था आयोग के माध्यम से की गई है. इस सुविधा का लाभ लेने के लिए दिव्यांगों को पहले से सूचना दी जाएगी. नेत्रहीन मतदाताओं को ब्रेनलिपि तकनीक पर आधारित व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जिले भर में 90 निजी हथियारों को जप्त कराया गया है. जबकि शहर में 307 लोगों से और ग्रामीण भाग से 611 लोगों से शालीनता बरतने संबंधी शपथपत्र भरवाया गया है.

चुनावी आचार संहिता के तहत दारुबंदी कानून के तहत एफआईआर दर्ज की गई है अवैध रूप से लगे 11 हजार 314 राजनीतिक पोस्टर और बैनर को हटाने की कार्रवाई की गई है. उम्मीदवारी का नामांकन भरते समय स्वीकृत राजनीतिक दल के उम्मीदवार के लिए 1 व्यक्ति प्रस्तावक रहेगा जबकि निर्दलीय उम्मीदवार के लिए 10 प्रस्तावकों की आवश्यकता रहेगी. नामांकन भरते समय उम्मीदवार के साथ सिर्फ 5 व्यक्ति ही चुनाव अधिकारी के कैबिन में उपस्थित रह सकते है. उम्मीदवार खर्च की सीमा 70 लाख सुनिश्चित की गई है. उम्मीदवारों के प्रचार और खर्च के आकलन के लिए दो विशेष अधिकारियों को नियुक्त किया गया है. सुरक्षा के लिए राज्य पुलिस के साथ सेंट्रल पैरामिलिट्री फ़ोर्स तैनात रहेगी. नागपुर में लोकसभा चुनाव के साथ ही काटोल विधानसभा सीट में उपचुनाव होगा. चुनाव की प्रक्रिया की देख रेख यही स्थित एसडीओ कार्यालय से की जाएगी.

सोशल मीडिया पर रहेगी पैनी नजर

लोकसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले चुनाव प्रचार पर चुनाव आयोग की पैनी नजर रहेगी. चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को अब अपने चुनावी शपथपत्र में अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी देनी होगी. नागपुर में सोशल मीडिया में होने वाले चुनाव प्रचार की निगारानी के लिए दो समितीयो का गठन किया गया है. यह समिती उम्मीदवारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स के साथ राजनीतिक दल के चुनाव प्रचार पर नजर रखेगी. चुनाव आयोग के नियम के अनुसार उम्मीदवार को अपने सोशल मीडिया की जानकारी देनी होगी. फेसबुक, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम, यूट्यूब के साथ अन्य सोशल अकाउंट्स के एडमिन की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी. सोशल मीडिया में प्रसारित वीडिओ को विज्ञापन समझा जायेगा। पोस्ट कंटेंट पर आयोग की नजर होगी.

आयोग ने यह फैसला पिछले चुनावों के दौरान हुए सोशल मीडिया के भारी इस्तेमाल को देखते हुए लिया है. वर्तमान में लगभग सभी राजनीतिक दल ने अपने अपने आयटी सेल बनाए हैं. जिसके माध्यम से सोशल मीडिया में प्रचार होता है. आचार संहिता के दौरान चुनाव प्रचार की मर्यादा सुनिश्चित है मगर सोशल मीडिया को लेकर व्यापक मॉनिटरिंग सिस्टम न होने की वजह से प्रचार पर निगरानी संभव नहीं हो पाती है. कई बार सोशल मीडिया में प्रचार आचार संहिता के उल्लंघन के मामले भी सामने आए है. जिसे देखते हुए चुनाव आयोग ने इस बार सोशल मीडिया में होने प्रचार पर निगरानी के लिए सिस्टम तैयार किया है. नागपुर में गठित कमिटी राजनितिक दलों और उम्मीदवारों के सोशल मीडिया अकाउंट का डाटा एनालिसिस भी करेगी.

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