Published On : Wed, May 8th, 2024

आरटीई अधिनियम संशोधन को उच्च न्यायालय द्वारा नकारने पर भी ऑनलाइन प्रक्रिया में फेरबदल नहीं।

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नागपुर:मुफ़्त शिक्षा के अधिकार में राज्य सरकार द्वारा नियमों को ताक पर रखते हुए अधिनियम में संशोधन किया गया था और निजी स्कूलों को ऑनलाइन प्रक्रिया से बाहर करने के मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी जिसके पश्चात उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार के संशोधन को निरस्त कर दिया गया यह कहते हुए की अधिनियम में संशोधन करना मौलिक अधिकारों का हनन है और इस संदर्भ में 12 जून तक सरकार जवाब दे । इस आदेश के आने के बाद शिक्षा विभाग में आरटीई ऑनलाइन प्रक्रिया में इसी प्रकार का संशोधन नहीं किया है और आज भी पालकों को निजी शालाएँ आवेदन करने के लिए दिखाई नहीं दे रही है।

इस संदर्भ में आरटिई एक्शन कमिटी के चेयरमैन मो शाहिद शरीफ ने कहा है कि सरकार उच्च न्यायालय की आलोचना कर रही है और मुफ़्त शिक्षा अधिकार अधिनियम का उल्लंघन भी ।

अभिभावकों का बड़ा नुक़सान हुआ है सरकार के इस निर्णय के कारण ,अभिभावकों ने निजी शालाओं में प्रवेश ले लिया है और शिक्षा विभाग के विलम्ब निर्णय के कारण विद्यार्थियों को मुफ़्त शिक्षा के अधिकार से वंचित होना पड़ा है ।

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