Published On : Tue, Dec 3rd, 2019

सेवानिवृत्त बाद भी निगम सचिव कार्यालय में डटे

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सामान्य प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त का कहना हैं कि वे निगम सचिव के कुर्सी पर नहीं बैठ सकते

नागपुर – मनपा में अंधेरगर्दी का आलम हैं, यहां नियम से ज्यादा परंपरा पर कामकाज होता हैं। इसी तर्ज पर पूर्व निगम सचिव हरीश दुबे को सेवानिवृत्त होने के बाद न सिर्फ उनके कक्ष में बल्कि निगम सचिव की कुर्सी पर विराजमान देखा गया।इस संदर्भ में मनपा सामान्य प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त महेश धामेचा ने बताया कि वे कार्यालय में बैठ सकते हैं लेकिन निगम सचिव की कुर्सी पर नहीं।

मनपा में सेवारत कर्मी-अधिकारी से ज्यादा तवज्जों सेवानिवृत्त कर्मी-अधिकारी को दी जाती हैं। सेवारत रहते उन्हें निकम्मा और सेवानिवृत्त के बाद उसी विभाग का विशेषज्ञ बना दिया जाता हैं।

30 नवंबर को निगम सचिव हरीश दुबे सेवानिवृत हुए,भव्य सत्कार कर बिदाई दी गई। इसके बावजूद उनका अपने पूर्व कार्यालय से मोह नहीं छूट रहा।

वही पुरानी सूटबूट में आज भी निगम सचिव की कुर्सी तोड़ रहे हैं। क्योंकि मनपा में कुछ भी संभव हैं इसलिए दुबे की हरकत स्वभाविक बताई जा रही। जब एक महिला ने निगम सचिव की कुर्सी पर सेवानिवृत्त के बाद उसी कुर्सी पर बैठे मोबाइल पर गप्पे हांकते देखा तो बाहर आकर पूछताछ की। इसी संदर्भ में नागपुर टुडे ने धामेचा से पूछा कि क्या दुबे का कार्यकाल अतिरिक्त बढ़ाया गया तो उनका कहना था कि नहीं। फिर पूछा गया कि किस नियम के तहत निगम सचिव की कुर्सी सेवानिवृत्त दुबे तोड़ रहे तो उनका कहना था कि कक्ष में बैठ सकते हैं लेकिन निगम सचिव की कुर्सी पर नहीं। इस मामले को लेकर निगम सचिव कार्यालय के कर्मी भी चुप्पी साधे दिखे।

उल्लेखनीय यह हैं कि दुबे सेवानिवृत्त होने के पूर्व मनपा के अन्य विभाग प्रमुखों को सिफारिश करते फिर रहे थे कि उनके लिए कोई पद निर्माण कर ताकि शेष जीवन भी मनपा में दोहरी लाभ के साथ कट जाए,लेकिन मामला जमा नहीं। उक्त घटनाक्रम को लेकर मनपा में कोई गंभीरता नहीं दिखेंगी,कह देंगे कुर्सी सरकाकर बैठा था।

यह भी उल्लेखनीय यह कि मनपा प्रशासन पदाधिकारी जल्द इस महत्वपूर्ण पद को रिक्त न रखते हुए,आगामी आमसभा में अनुभवी फरकासे को प्रभारी निगम सचिव बनाना चाहिए,अन्यथा रिक्त कुर्सी पर दुबे रोजाना बैठे दिखेंगे।