Published On : Tue, Aug 14th, 2018

नागपुर मेट्रो के निर्माणकार्य में लगे हाइड्रा मशीन वाहन से हुई दुर्घटना में तीन छात्राओं की दर्दनाक मौत

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नागपुर: मंगलवार सुबह नॉर्थ अंबाझरी मार्ग पर हुए भीषण हादसे में तीन कॉलेज छात्राओं की दर्दनाक मौत हो गई। यह हदसा नागपुर मेट्रो के कार्य में लगे हाइड्रा मशीन के वाहन से हुआ। प्रत्यक्षदर्शियो के मुताबिक इस हादसे के लिए वाहन चला रहा ड्राईवरज़िम्मेदार है। हादसा शंकरनगर चौक से अंबाझरी तालाब की ओर जाने के रास्ते पर हुआ। सुबह लगभग 8 से 8.30 बजे के दरमियान हुए इस हादसे के प्रत्यक्षदर्शी मोरेश्वर धोटे ने मीडिया को बताया की हाइड्रा मशीन का वाहन राईट साईड से जा रहा था। उसके पीछे दो पहिया वाहन पर तीन लड़कियाँ जा रही थी। वाहन चला रही लड़की ने लेफ्ट साईड से ओवरटेक करने का प्रयास किया। इसी दौरान उनका वाहन फिसल गया। लड़कियों ने गिरने के बाद चिल्लाना शुरू किया। उनकी आवाज़ सुनकर मोरेश्वर ने हाइड्रा मशीन के वाहन चालक को वाहन रोकने के लिए ईशारा किया। लेकिन उसने सुना नहीं और सड़क पर दो पहिया वाहन के साथ फिसली तीनों लड़कियों पर उसने वाहन चढ़ा दिया। हादसे के बाद हाइड्रा मशीन के वाहन चालक ने वहाँ से भागने का प्रयास किया। लेकिन वहाँ मौजूद लोगों ने उसे पकड़ लिया। आरोपी वाहन चालक को गिरफ़्तार किया जा चुका है। आपसी सहयोग से प्रत्यक्षदर्शियों ने तुरंत तीनों लड़कियों को पास के ही वोकहार्ड अस्पताल पहुँचाया। जहाँ उन्हें मृत घोषित किया गया। मोरेश्वर ने मुताबिक यह हादसा इतना भीषण था की तीनों लड़कियों की घटनास्थल पर ही मौत हो चुकी थी। वोकहार्ड अस्पताल से तीनों लड़कियों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल अस्पताल भेजा गया है।

निर्माणकार्य कर रही एफकॉन कंपनी का था वाहन
मेट्रो के निर्माणकार्य में लगी हाइड्रा मशीन को हिंगणा मार्ग पर निर्माणकार्य में मदत के लिए ले जाया जा रहा था। इसी दौरान बीच रास्ते में यह भीषण दुर्घटना हो गयी। मेट्रो प्रशासन ने बताया की नागपुर मेट्रो का निर्माणकार्य करने वाली कंपनी एफकॉन के किसी सब कॉन्ट्रेक्टर की यह मशीन थी।

कॉलेज जाने के बाद घूमने निकली हो गया हादसा
प्राप्त जानकारी के अनुसार एलएडी कॉलेज में पढ़ने वाली ये तीनों लड़कियाँ सुबह घर से समय पर कॉलेज जाने के लिए निकली लेकिन उन्होंने कॉलेज में सुबह साढ़े सात बजे शुरू होने वाले लेक्चर में हिस्सा नहीं लिया। तांडापेठ निवासी रुचिका विजय बोरिकर (18) ने हालही में नई एक्टिवा स्कूटी स्कूटी ख़रीदी थी। आज सुबह रुचिका अपनी अन्य दो सहेलियों अंबाझरी निवासी विश्रुति राजेश बनवारी (18) और हिल टॉप निवासी स्नेहा विजय आंबेडकर(17) के साथ कॉलेज पहुँचने के बाद घूमने निकली। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। बीच रास्ते में ही तीनो दुर्घटना का शिकार हो गयी। इन तीनों की सहेली वैष्णवी गणवीर ने नागपुर टुडे संवाददाता को बताया की इन तीनों से उसकी कॉलेज कैम्पस में मुलाकात हुई थी। वैष्णवी बॉलीवाल खिलाड़ी है और सुबह कॉलेज के मैदान में ही प्रैक्टिस कर रही थी। इस बातचीत में स्नेहा ने वैष्णवी को बताया था की वो रुचिका,और विश्रुति कहीं घूमने जाने की तैयारी में है। स्नेहा भी बॉलीवाल खिलाड़ी थी। वैष्णवी के मुताबिक उसने उसे कॉलेज के समय घूमने जाने से मना भी किया था।

मेट्रो ने हरसंभव मदत का किया वादा
नागपुर मेट्रो प्रसाशन ने इस हादसे पर दुख और पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए। पीड़ित परिवार को हर संभव मदत की पेशकश की है। मेट्रो द्वारा अस्पातल के बिल का भुगतान करने की भी पेशकश की गयी है। मेट्रो के महाप्रबंधक ( प्रशासन ) अनिल कोकाटे के अनुसार यह मामला सड़क दुर्घटना का है। फिर भी मेट्रो ने अपनी तरफ से जाँच के आदेश दिए है। मेट्रो अपनी तरफ से मामले की पूरी जाँच करेगा साथ ही अन्य जाँच एजेंसियों को भी सहयोग किया जायेगा। हादसा सामने आने के बाद सड़क पर लगे स्मार्ट सिटी के कैमरों के फ़ुटेज की जाँच भी की गयी है लेकिन उसमें हादसे की तस्वीर साफ़ तौर से कैप्चर नहीं हो पायी है। घटनास्थल पर प्राईवेट ईमारतों में लगे सीसीटीवी कैमरों के फ़ुटेज को हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया की इतनी बड़ी मशीन को मूव करते समय मेट्रो का कोई सुरक्षा रक्षक मौजूद नहीं था। जिस पर मेट्रो की दलील है की सुरक्षा रक्षकों की मदत निर्माणकार्य स्थल में मशीनों को मूव करने के समय ली जाती है न की सड़क पर वाहन के चलते समय।

दुर्घटना की शिकार तीनों लड़कियाँ थी होनहार
इस हादसे में मृत तीनो लड़कियाँ होनहार और पढाई के साथ साथ अन्य एक्टिविटी में काफी एक्टिव थी। रुचिका बोरिकर की माँ बचपन में ही घर छोड़कर चली गयी थी। जबकि उसके पिता का देहांत हो चुका है। फ़िलहाल उसकी जिम्मेदारी उसके दूर के रिश्तेदार भोजराज पराते संभाल रहे थे। इस घटना के बाद तीनों परिवारों में ग़म का पहाड़ टूट पड़ा है और इन तीनों लड़कियों के दोस्त स्तब्ध है। स्नेहा पढ़ने में काफ़ी होशियार थी उसके दोस्तों ने बताया की वो उनके ग्रुप में सबसे अधिक होशियार थी। किसी को भी अगर पढाई को लेकर दिक्कत आती तो वो स्नेहा से मदत लेते थे।