दिल्ली/नागपुर: पिछले 7 दिनों से जारी ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल आखिरकार 8वें दिन समाप्त होने से ट्रकों के पहियों को फिर से रफ्तार मिल गई है. जैसे ही हड़ताल समाप्ति की घोषणा हुई वैसे ही ट्रांसपोर्टरों, हमाल और व्यापारियों में खुशी की लहर दौड़ गई.
सरकार ने ट्रांसपोर्टरों को अगले 6 माह में टोल बैरियर को पूर्णत: इलेक्ट्रानिक करने, ट्रक ड्राइवरों व अन्य सहयोगियों को पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना, सुरक्षा बीमा योजना और ईएसआईसी के तहत लाने और देशभर में टूरिस्ट वाहनों के लिए नेशनल परमिट योजना घोषित किये जाने जैसी मांगों पर अपनी सहमति जताई है.
थर्ड पार्टी बीमा की 15 प्रश पर
गुरुवार देर रात गडकरी से ट्रांसपोर्टरों की पहले दौर की चर्चा हुई थी और शुक्रवार दोपहर वित्त मंत्री पीयूष गोयल से चर्चा के बाद शाम को दोनों पक्षों में सहमति के बाद हड़ताल समाप्त को पूर्णत: ठप्पा लगाया गया. गड़करी हड़ताल खत्म करने के लिए शुक्रवार को दिनभर गोयल के साथ चर्चा में लगे रहे.
करीब 9 बजे हड़ताल को समाप्त किया गया. नागपुर स्थित अपने निवास स्थान पर एक पत्र परिषद में गडकरी ने बताया कि डीजल को जीएसटी के भीतर लाने या उसकी कीमत घटाने पर अभी कोई सहमति नहीं बनी है. थर्ड पार्टी बीमा की दर 28 प्रश से घटकार 15 प्रश पर फिर से लाने के मसले पर इरडा के साथ शनिवार को दोपहर 1 बजे हैदराबाद में मीटिंग होगी.
उन्होंने कहा कि 6 माह की अधिकतम समय सीमा में टोल पूर्णतया अधिकारी मुक्त रहेगा. टोल भरने के लिए गाड़ी नही रुकेगी. टोल आरएफआईडी द्वारा या टोल वाहन के परमिट अनुसार एक मुश्त सालाना भरने का तय समिति द्वारा किया जायेगा. वजन के हिसाब से जो इनकम टैक्स की दर 300 रुपए प्रति टन से बढ़ाकर 1000 कर दी गयी थी, उसे बजट या उससे पूर्व 600 रुपये प्रति टन पर लाया जायेगा. इससे ट्रांसपोर्ट को राहत मिलेगी.
बनाई जायेगी उच्चस्तरीय समिति
उन्होंने कहा कि सरकार ने बाकी मांगों के लिए सड़क परिवहन सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति बनाई है, जिसमें ट्रांसपोर्टरों के 5 प्रतिनिधि भी रहेंगे. हड़ताल खत्म होने का गडकरी ने स्वागत किया है. डीजल को जीएसटी के भीतर लाने या उसकी कीमत घटाने पर कोई सहमति अभी नहीं बनी है. उन्होंने कहा कि ट्रक ड्राइवरों व अन्य सहयोगियों को पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना, सुरक्षा बीमा योजना और ईएसआईसी के तहत लाने पर सरकार विचार करेगी.
गाड़ियों की फिटनेस सर्टिफिकेट की अवधि 2 साल करने, ट्रकों में डबल ड्राइवर की अनिवार्यता सहित नेशनल परमिट नियमों के सरलीकरण, वर्तमान वाहनों का भी एक्सल लोड बढ़ाने आदि पर सरकार विचार करेगी. जो उच्चस्तरीय समिति बनाई गई है, वह ई-वे बिल, जीएसटी संबंधी विषय, टीडीएस नियमों, वाहनों पर टैक्स आदि विषयों पर विचार करेगी. ई-वे बिल में छोटी-मोटी गलतियों पर कड़े दंड न रखने पर भी सैद्धांतिक सहमति बन गई है.