Published On : Tue, Mar 31st, 2020

राज्य में बिजली की दरों में होगी 7 से 8 फीसदी की कटौती

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मुंबई। राज्य में अगले पांच सालों तक बिजली की दरें 7 से 8 फीसदी कम होंगी। महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग (एमईआरसी) के अध्यक्ष आनंद कुलकर्णी ने सोमवार को बताया कि आयोग ने दरों में कटौती का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले 10-15 सालों में पहली बार इस तरह दरों में कमी हो रही है। मौजूदा परिस्थिति में इससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

बता दें कि केंद्र सरकार के विद्युत कानून 2003 के मुताबिक आयोग की स्थापना की गई है। अध्यक्ष कुलकर्णी के अलावा मुकेश खुल्लर और इकबाल बोहरी इसके सदस्य हैं। बिजली की कीमतों को लेकर आयोग का सुझाव बिजली बनाने और वितरण करने वाली कंपनियों के लिए बंधनकारक होता है। आयोग के फैसले के मुताबिक मुंबई को छोड़कर बाकी राज्य में उद्योगों के लिए बिजली की दरों में 10 से 12 फीसदी की कमी आएगी, जबकि घरेलू उपभोक्ताओं के लिए भी दरों में 5 से 7 फीसदी की कमी आएगी।

खेती के लिए दी जाने वाली बिजली भी एक फीसदी सस्ती होगी। मुंबई में बिजली सप्लाई करने वाली बेस्ट के उद्योगों के लिए बिजली दरों में 7 से 8 फीसदी की कमी होगी व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए बिजली 8 से 9 फीसदी जबकि घरेलू इस्तेमाल के लिए दरें 1 से 2 फीसदी कम होंगी। महानगर के कई इलाकों में टाटा और अडानी बिजली सप्लाई करते हैं।

आयोग के सुझाव पर अमल के बाद इन कंपनियों द्वारा उद्योग के लिए दी जाने वाली बिजली की दर 18 से 20 फीसदी, उद्योगों की बिजली की दर 19 से 20 फीसदी जबकि घरेलू उपभोक्ताओं के लिए दरें 10 से 11 फीसदी कम होंगी। कुलकर्णी ने बताया कि संबंधित पक्षों से लंबी चर्चा और विस्तृत अध्ययन के बाद यह फैसला लिया गया है। कुलकर्णी ने बताया कि दरों में कमी केवल एक साल के लिए नहीं होगी, बल्कि अगले पांच सालों तक जारी रहेगी। इस फैसले से सरकार पर भी कोई आर्थिक बोझ नही पड़ेगा। बिजली वितरण कंपनियों को ज्यादा व्यावसायिक तरीके से चलाकर ग्राहकों को कम दरों में बिजली दी जा सकती है। कुलकर्णी ने उपभोक्ताओं से भी अपील की की वे जरूरत से ज्यादा बिजली का इस्तेमाल न करें।