गोंदिया का सियासी नाटक अब बीजेपी विरुद्ध बीजेपी की तरफ बढ़ रहा है लिहाजा अपने कुनबे को बचाए रखने की कोशिशें दोनों खेमों की ओर से की जा रही है। सूत्रों की मानें तो आलाकमान ने भी बागी को मनाने के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं। देखना होगा नकली भाजपा विरुद्ध असली भाजपा के तौर पर शुरू हुआ यह राजनीतिक ड्रामा चुनाव की रोचकता को किस मोड़ तक ले जाता है।
बागी नेता ने बढ़ाई बीजेपी की मुश्किलें दशकों से एक समर्पित कार्यकर्ता के तौर पर भाजपा का काम करते हुए पार्टी को गोंदिया विधानसभा क्षेत्र में एक मजबूत स्थिति तक पहुंचाने वाले विनोद अग्रवाल का दर्द यह है कि इस बार उसका टिकट कट चुका है और हाईकमान ने 3 दिन पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए गोपालदास अग्रवाल को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
राजनीति के सुनहरे भविष्य को लेकर संजोए गए सपने चकनाचूर होने से विनोद अग्रवाल ने बीजेपी के परछाईं से बाहर निकलने का मन बना लिया है । आज गुरुवार 3 अक्टूबर को स्वागत लॉन में हजारों समर्थकों के साथ उन्होंने सभा की और भारी जनसैलाब के साथ जाकर अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। बीजेपी के बागी द्वारा निर्दलीय चुनाव लड़ने के ऐलान से अब भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार गोपालदास अग्रवाल की मुश्किलें बढ़ गई है। पार्टी के जिला अध्यक्ष और संगठन मंत्री द्वारा बार-बार कार्यकर्ताओं से निवेदन किए जाने के बाद भी स्थितियां संभलने का नाम नहीं ले रही। भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह लड़ाई बीजेपी के खिलाफ नहीं बल्कि बीजेपी को कांग्रेसी संस्कृति से बचाने की लड़ाई है ?
कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर विनोद अग्रवाल मतदान के आखरी वक्त तक यूं ही चुनावी रणभूमि में डटे रहते हैं तो इसका खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ेगा । कहीं ऐसा ना हो दो की लड़ाई में कोई तीसरा ही बाजी मार कर ले जाए ? हालांकि नामांकन दाखिल करने मैं अभी एक दिन का वक्त ही शेष बचा है बावजूद इसके कांग्रेस – राष्ट्रवादी गठबंधन की ओर से अब तक अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया गया है।
वहीं मित्रपक्ष शिवसेना भी मौके की नजाकत को देखते हुए अब खेल की शर्तें अपने हिसाब से तय करने में जुट गई है तथा बीजेपी की जिला इकाई को यह एहसास दिला रही है कि उसके महत्व को अगर कम करके आंका गया तो यह गठबंधन की सेहत के लिए ठीक नहीं?
यहां बता दें कि गोंदिया जिले की चारों विधानसभा सीटें बीजेपी ने अपने कोटे में रख ली है और शिवसेना को जिले में 1 सीट तक नहीं ? इसी सियासी सूखे को लेकर शिवसेना नाराज है।
अब ऐसे में चुनावी वैतरणी पार कैसे होगी इसी पशोपेश में बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी गोपालदास अग्रवाल दिखाई पड़ते हैं जो कल सुबह 11 बजे लाव लश्कर के साथ नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए शक्ति प्रदर्शन की तैयारियों में जुटे हैं।
रवि आर्य