Published On : Tue, Jul 4th, 2017

शिक्षा के बाजारीकरण पर लगेगी रोक, शिक्षा उपसंचालक कार्यालय में हुई चर्चा में लिया निर्णय

Advertisement
pvt schools

File Pic


नागपुर:
 निजी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में फ़ीस के साथ ही विषयों को लेकर हर बार अभिभावकों द्वारा लगातार शिकायत आती रहती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए शिक्षा उपसंचालक कार्यालय में शिक्षक विधायक, विधायक, शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओ,निजी स्कूलों के मुख्याध्यापक और जिले के मुख्यमंत्री मित्र अभियान के बीच सामूहिक चर्चा की गई. इस चर्चासत्र में स्कूल की मान्यता के प्रश्नपर संज्ञान लेकर राज्य सरकार की मान्यता प्राप्त कक्षा पहली से लेकर 8 वी कक्षा की सूचि व सीबीएसई बोर्ड की मान्यता प्राप्त वर्ग 9 वी से लेकर 12वी कक्षा की सूचि मंगाने के निर्देश दिए गए है, ऐसी स्कूलों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. साथ ही क्लास पहली से लेकर 8वी क्लास को सीबीएसई मान्यता प्राप्त कहनेवाली व स्कूल के फलक पर और कागजातों पर इस विषय की जानकारी देकर विद्यार्थियों के अभिभावको को गलत जानकारी देकर उनकी आर्थिक लूट करनेवाली स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात भी चर्चा में की गयी है.

पानी, स्वच्छता व पोषण आहार, विद्यार्थीयो की संख्या के आधार पर उपलब्ध कराने का मसला भी चर्चा में उठा। इन सभी सुविधाओं का निरिक्षण करने के लिए जिला स्तरीय आकस्मिक जांच पथक व समितिबनाने का निर्णय इस बैठक में लिया गया. गैरकानूनी तरीके से फीस बढ़ोत्तरी के संबंध में विभागीय शुल्क नियंत्रण समिति पुणे, विद्यार्थियों पर स्कूल में होनेवाले शाररिक लैंगिक व मानसिक अत्याचार सम्बन्ध में जिले के जिला बाल सरंक्षण विभाग इनके पास अभिभावक लिखित शिकायत कर सकते है. ऐसी जानकारी शिक्षा उपसंचालक अनिल पारधी और शिक्षा विधायक नागो गाणार ने दी.

इस चर्चासत्र के दौरान विधायक प्रकाश गजभिये ने मांग कि है की ऐसी निजी स्कूलों में प्रवेश पद्धति को निश्चित करने के लिए सेंट्रलाइस्ड प्रवेश पद्धति को अमल में लाया जाये। साथ ही जिला स्तर पर समिति गठित कीया जाए. इस दौरान प्रशासकीय अधिकारी नगरारे, मुख्यमंत्री मित्र चन्द्रभान कोलते, नीलेश नागोलकर, डॉ.आशीष आटलोए, जिल्हा ग्राहक न्याय परिषद के अध्यक्ष अमित हेड़ा, जिला बाल सरंक्षण अधिकारी मुस्ताक पठान, आरटीई एक्शन कमिटी के अध्यक्ष शाहिद शरीफ ने भी अपनी राय सबसे के सामने रखी.