Published On : Wed, May 10th, 2017

“कमाओ और पढ़ो” योजना का कामकाज 6 महीने का, लेकिन विद्यार्थियों को मिला मात्र 4 महीने का ही वेतन

Advertisement

Nagpur University
नागपुर:
 राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की ओर से ” कमाओ और पढ़ो ” योजना में शामिल विद्यार्थियों का छह महीने का कार्यकाल 30 अप्रैल को समाप्त हो गया. छह महीने के इस कार्यकाल में विद्यार्थियों को केवल 4 महीने का ही वेतन दिया गया. इसमें भी चार महीने का वेतन दो-दो महीने बीतने बाद दिया गया. इस योजना में नागपुर विश्विवद्यालय के 105 विद्यार्थी विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में कार्यरत थे. एक महीना पहले ही विश्वविद्यालय की ओर से सभी विभागों को अप्रैल महीने से ” कमाओ और पढ़ो ” योजना के तहत कार्य करनेवाले विद्यार्थियों की सेवा समाप्त करने की सूचना दे दी गई थी. ऐसा नहीं करने पर विद्यार्थियों के वेतन की जिम्मेदारी विद्यापीठ पर नहीं होने की भी सूचना जारी की गई थी. जिसके कारण सभी विद्यार्थियों की सेवा समाप्त कर दी गई. लेकिन अब विद्यार्थियों को मार्च और अप्रैल का जो वेतन दिया जाना था, वह कब दिया जाएगा इसकी कोई भी जानकारी विश्वविद्याल की ओर से अब तक विद्यार्थियों को नहीं दी गई. जिसके कारण 105 विद्यार्थी असमंजस में हैं. इस बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने विद्यार्थियों के शेष वेतन भी जल्द जारी करने का दावा किया है.

‘योजना से जुड़ी शिकायतें

डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर विद्यार्थी संगठन के अध्यक्ष स्नेहल वाघमारे ने बताया कि इस योजना में समाहित सभी विद्यार्थियों का वेतन हर माह मिलना चाहिए था. उन्होने यह भी बताया कि परीक्षा के बाद जब रिजल्ट आने पर ” कमाओ और पढ़ो ” योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया अगस्त माह में शुरू की जाती है. एक महीने बाद आवेदन करनेवाले विद्यार्थियों को इसमें शामिल किया जाता है. लेकिन इस प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है. संगठन की ओर से सभी विद्यार्थियों ने मांग की है कि रिजल्ट घोषित होने के बाद 15 दिनों के भीतर सभी विद्यार्थियों को इस योजना में शामिल किया जाए. जिससे की विद्यार्थियों को आर्थिक परेशानियों का सामना न करना पड़े. साथ ही इसे पुणे की तर्ज पर इस योजना को छह महीने के बजाए एक वर्ष तक करने की भी मांग की गई है.

इस संबंध में जब विश्वविद्यालय के विद्यार्थी विकास परिषद के दिलीप कवड़कर से जब जानकारी मांगी गई तो दो महीने का वेतन जल्द देने का दावा उन्होंने किया.