Published On : Tue, Mar 7th, 2017

देश के खिलाफ साजिश करने एवं माओवादियों से संबंध के आरोप में प्रोफेसर साईबाबा को आजीवन कारावास

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  • अन्य पाँच भी दोषी करार
  • गढ़चिरोली जिला सत्र न्यायाधीश ने सुनाया फैसला

Delhi University professor GN Saibaba
नागपुर: दिल्ली विश्वविद्यालय के रामलाल आनंद कॉलेज में अंग्रेजी के प्रोफेसर जी.एन.साईबाबा को देश के खिलाफ साजिश करने एवं माओवादियों से संबंध रखने का दोषी मानते हुए गढ़चिरोली जिला सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रो. साईबाबा के साथ जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र हेम मिश्रा, पूर्व पत्रकार प्रशांत राही सहित तीन अन्य को गढ़चिरोली जिला सत्र न्यायालय ने दोषी मानते हुए सजा सुनाई गयी है।

इनमें से हेम मिश्र, प्रशांत राही एवं अन्य दो को प्रोफेसर साईबाबा के साथ ही आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है और इनकी मदद करने के लिए महेश तिर्के को छह माह की जेल की सजा दी गयी है।

उल्लेखनीय है कि मई 2014 में प्रोफेसर जी.एन. साईबाबा को गढ़चिरोली पुलिस ने दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर स्थित आवासीय परिसर से माओवादियों से संबंध के आरोप में गिरफ्तार किया था। विश्वविद्यालय प्रशासन ने गिरफ़्तारी के बाद ही प्रोफेसर साईबाबा को निलंबित कर दिया था। प्रोफेसर साईबाबा शारीरिक रुप से नब्बे प्रतिशत से ज्यादा विकलांग हैं और उनकी शारीरिक अवस्था को देखते हुए गिरफ़्तारी के एक साल बाद नागपुर उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत पर रिहा किया था।