विधानपरिषद में ध्यानाकर्षण मुद्दे पर ऊर्जा मंत्री से मांगा जवाब
गोंदिया मंगलवार को भंडारा-गोंदिया विधानपरिषद क्षेत्र के सदस्य एवं पूर्व राज्यमंत्री डॉ. परिणय फुके ने सरकार को ध्यानाकर्षण मुद्दे के तहत घेरते हुए किसानों के बिजली कनेक्शन बंद किये जाने पर जवाब मांगा।
डॉ. परिणय फुके ने कहा, महाविकास आघाड़ी की सरकार दिल्ली की तर्ज पर महाराष्ट्र राज्य में 200 यूनिट तक बिजली बिल माफ करने का निर्णय लेकर 3 महीने में इसे लागू करने का आम आदमी को भरोसा दे रही है। क्या सरकार इसी तर्ज पर किसानों के कृषि बिजली बिल 300 यूनिट तक माफ करने का निर्णय किसानों के हित मे दे सकती है?
श्री फुके ने अगला प्रश्न उठाते हुए कहा कि, एक तरफ सरकार 200 यूनिट बिजली बिल माफ करने का भरोसा तो जता रही है, वही किसानों को 8 घण्टे की बजाये 16 घण्टे बिजली देने की घोषणा करनेवाली वर्तमान सरकार दिन की बजाए सिर्फ रात में बिजली दे रही है। ये तो ऐसा हो गया जैसे मुम्बई महानगर में बड़े लोगो को रात में नाईट लाइफ मिलती है, उसी तरह किसान भी कार्य करे।
उन्होंने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा, पिछली सरकार ने पांच साल में पांच लाख किसानों को कृषि विद्युत कनेक्शन दिए। महाविकास आघाड़ी सरकार ने सत्ता में आते ही इस योजना के कार्य को बंद कर दिया, जिससे राज्य में ढाई लाख कनेक्शन रुक गए। इतना ही नही, पिछली सरकार ने किसानों को 3 लाख कृषि विद्युत कनेक्शन के साथ ट्रांसफॉर्मर देने की घोषणा की थी, जिसमे वर्ष 2019 में 25 हजार कनेक्शन भी दिए गए इस योजना को भी बंद करने का कार्य वर्तमान सरकार ने किया। इनमें सबसे अधिक किसान विदर्भ और मराठवाड़ा के है, जिनके साथ अन्याय किया गया।
क्या सरकार इन किसानों के हित के मामले में विदर्भ और मराठवाड़ा के किसानों को न्याय देने का कार्य करेगी?
विधानपरिषद सदस्य डॉ. परिणय फुके ने विधायक प्रकाश गजभिये के एक मामले के तर्ज पर अपने विधान परिषद क्षेत्र तुमसर तहसील का मामला स्पीकर के समक्ष रखा।
उन्होंने कहा तुमसर तालुका में एक कंपनी है खम्माटा जिसका वर्ष 2017 में करीब 300 करोड़ रुपयों का बिजली बिल माफ किया गया था। इसका कारण ये था कि ताकि कंपनी चलती रहे और लोगो को रोजगार प्राप्त होता रहे। परंतु ये कंपनी पिछले 3 साल से बंद पड़ी है। क्या सरकार उस कंपनी को शुरू करने का कार्य करेगी? अगर नही तो फिर उससे 300 करोड़ वापस लाने का कार्य करेगी?
रवि आर्य