नागपुर– नागपुर शहर में गणपति महोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है . गणपति के मूर्ति के विसर्जन के लिए पिछले 2 सालों से फुटाला तालाब को छोड़कर बाकी सारे बड़े तालाब जैसे सोनेगाव तालाब, गांधीसागर तालाब, सक्करदरा तालाब को बंद किया जाता था. मगर इस साल बाकी तालाबों के साथ-साथ फुटाला तालाब में भी गणपति विसर्जन पर रोक लगा दी गई है .
महानगर पालिका ने घर में विराजित मूर्तियों की ऊंचाई 2 फीट व मंडल के गणपति की ऊंचाई 4 फीट निर्धारित की है, साथ ही मनपा ने आह्वान किया है कि लोग गणपति विसर्जन अपने घर पर ही करें.
हालांकी 5 दिन के गणपति विसर्जन होने के बाद यह देखने में आ रहा है कि लोग मूर्तियों का विसर्जन करने तालाब पर पहुंच रहे हैं . ग्रीन विजिल फाउंडेशन नामक पर्यावरण संस्था पिछले 10 सालों से फुटाला तालाब के एयर फोर्स साइड में निर्माल्य कलेक्शन एवं जनता को इको फ्रेंडली गणपति विसर्जन के लिए प्रेरित कर रही है. संस्था की टीम लीड सुरभि जैस्वाल ने कहा कि सिर्फ फुटाला तालाब के एयर फोर्स साइड में ही गणपति पूजन के दूसरे दिन 158, तीसरे दिन 125, चौथे दिन 23, पांचवे दिन 201 मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम तालाब में हुआ है.
ग्रीन विजिल फाउंडेशन के संस्थापक कौस्तभ चटर्जी ने कहा कि 13 मई 2020 को सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने पीओपी की मूर्तियां बनाने एवं बेचने पर संपूर्ण रूप से पाबंदी लगाई मगर 22 मई 2020 को भारत सरकार ने इस पाबंदी को 1 साल के लिए स्थगित कर दिया, जिससे मार्केट में भारी मात्रा में पीओपी की मूर्तियां आ गई. श्रद्धालु मिट्टी की मूर्ति लेना चाहते हैं, मगर उन्हें पीओपी की मूर्ति को मिट्टी की मूर्ति बोल कर बेचा गया जिसके पीछे लाल निशान भी नहीं थे.
नागरिकों के तालाब के तरफ विसर्जन के रुझान को देखते हुए मनपा ने भारी मात्रा में कृत्रिम तालाब की संख्या बढ़ाई है. फुटाला तालाब के अमरावती रोड साइड में 4 एवं एयर फोर्स साइड में 5 बड़े कृत्रिम तालाब लगाये हैं.
