नागपुर: विभागीय क्रीड़ा संकुल और रेशमबाग मैदान के हो रहे व्यवसायिक दोहन को लेकर अदालत मित्र की ओर से उठाई गई आपत्ति के बाद हाईकोर्ट की ओर से इस संदर्भ में जिलाधिकारी और विभागीय आयुक्त को हलफनामा दायर करने के आदेश दिए गए थे.
दोनों अधिकारियों की ओर से दिए गए हलफनामा विरोधाभासी होने पर नाराजगी जताते हुए गलत जानकारी देने पर न्यायाधीश भूषण धर्माधिकारी और न्यायाधीश झका हक ने जमकर फटकार भी सरकारी पक्ष को लगाई. साथ ही अदालत ने इस संदर्भ में उचित जानकारी 8 अगस्त को देने के आदेश भी दिए. अदालत मित्र के रूप में अधि. श्रीरंग भांडारकर ने पैरवी की.
विवाह समारोह के लिए उपयोग
हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार जिलाधिकारी की ओर से दायर हलफनामा में बताया गया कि विभागीय क्रीड़ा संकुल अब तक किसी भी पारिवारिक या विवाह समारोह के लिए किराए पर आवंटित नहीं किया गया है.
संकुल केवल क्रीड़ा, सामाजिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक उपक्रमों के लिए ही दिया जाता है. इस संदर्भ में क्रीड़ा उपसंचालक द्वारा दिए गए 12 जून के पत्र को भी अदालत के समक्ष रखा गया जबकि विभागीय आयुक्त की ओर से दिए गए हलफनामा में क्रीड़ा संकुल का आवंटन विवाह समारोह और पारिवारिक कार्यक्रमों के लिए आवंटित होने की जानकारी उजागर की गई.
इस संदर्भ में अदालत मित्र द्वारा ध्यानाकर्षित करते ही अदालत ने उक्त आदेश जारी किए.