Published On : Mon, Apr 3rd, 2017

बिक चुके बीएस -3 वाहन 15 वर्षों तक फैलाएंगे शहर में प्रदूषण

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नागपुर: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1 अप्रैल से बीएस -3 वाहनों पर रोक लगाई गई है। जिसके बाद अब बीएस -4 वाहन शहर की सड़कों पर दिखाई देंगे। लेकिन जिस तरह से देश में बीएस -3 वाहनों पर पाबन्दी लगी है उससे पहले ही पूरे देश में जमकर बीएस -3 वाहन बेचे गए। दो दिनों के भीतर लाखों की संख्या में वाहन बिके। देश भर के साथ नागपुर में भी स्थिति कमोबेश यही रही। अब वाहन तो बिक गए, लेकिन निश्चित ही बीएस -4 वाहनों के मुकाबले बीएस3 वाहन दो गुना प्रदूषण फैलाएंगे। जो सीधे तौर पर लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर ही छोड़ेंगे।

यह चिंता शहर के पर्यावरणविद् और ग्रीन विजिल फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष कौस्तुभ चटर्जी ने व्यक्त एक चर्चा के दौरान व्यक्त की। उन्होंने बताया कि बीएस -3 वाहनों पर रोक का यह निर्णय एका एक नहीं लिया गया है। सन 2010 से बीएस3 वाहनों पर पाबंदी लगाने का विचार किया जा रहा था। दरअसल 2016 को वैश्विक स्तर पर पेरिस में भारत की ओर से पर्यावरण सम्बंधी परिषद में 2 अक्टूबर 2016 को हस्ताक्षर किए गए थे। जिस पर अमल 4 नवम्बर 2016 से किया गया। जिसके कारण उसे किसी भी हाल में बीएस -3 वाहनों को बंद करना था। अभी विश्व की तुलना में कार्बन का उत्सर्जन के मामले में भारत 6 प्रतिशत की भागीदारी रखता है। जिस वजह से भारत को एक बड़ी जिम्मेदारी देते हुए इन वाहनों की बिक्री को रोकने के िलए कहा गया था। फ़िलहाल देश के 13 शहरों में बीएस -4 के वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। जिसमें मुम्बई ,कोलकाता ,चेन्नई ,बेंगलुरु ,हैदराबाद ,अहमदाबाद ,पुणे ,सूरत कानपुर, आगरा और सोलापुर का समावेश है। यानी देश में वाहन बेचेनवाली कंपनियां इन शहरों में बीएस -4 के वाहन बेच चुकी थी। लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया तो बीएस-3 वाहन बेचेनेवाली कंपनियों की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती थी कि वे अपने डीलरों से संपर्क करके बीएस -3 वाहनों को वापस बुला कर उनमें बीएस-4 के इंजन लगाकर वापस बाजार में उतारती। लेकिन उन्होंने ऐसा न करते हुए मामूली फायदे के लिए पर्यावरण और कोर्ट के फैसले की अवमानना की है। जो सभी के लिए नुकसानदायक साबित होगा।

कौस्तुभ चटर्जी ने पर्यावरण को लेकर भी चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि वाहनों के डिस्काउंट के साथ वाहन बेचेने पर लोगों ने भी पर्यावरण पर ध्यान न देते हुए सिर्फ बीएस -3 गाड़िया खरीदने पर ही ध्यान दिया। अब जो गाड़िया बिक चुकी है वह करीब पंद्रह वर्षो तक देश में और नागपुर शहर में प्रदूषण फैलाएंगी। चटर्जी ने कहा की पैसा कमाने के लिए कंपनियों ने और डिस्काउंट के चक्कर में बीएस -3 गाड़ियां खरीदकर हमने बहुत बड़ी गलती कर दी है।