– कोराडी के ताप बिजली परियोजना में श्रमिक शोषण जारी,संयुक्त कृति समिति ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की दी चेतावनी
कोराडी : विधुत परियोजना प्रबंधन की हटधर्मिता और लालफीताशाही नीतियों का नतीजा ठेका श्रमिकों को शारीरिक और मानसिक शोषण का शिकार होना पड रहा है l बताते है कि प्रबंधन ने ठेका श्रमिकों को भोजनावकाश के लिए घर जाने के लिए साफ इंकार कर दिया है l कोराडी पावर प्रबंधन के मुख्य अभियंता द्धारा जारी अधिसूचना में कहा है कि कार्यों की पाली के समय श्रमिकों को भोजन करने के लिए बाहर नहीं छोडेंगे ? और उन्होंने आगे कहा है कि श्रमिकों को भोजन करने की व्यवस्था स्वयं को (साईट) में ही करने होंगे।
संयुक्त कृति समिति सचिव भीमराव बाजनघाटे के नेतृत्व में कोराडी पावर प्लांट में कार्यरत ठेका श्रमिकों भोजनावकाश के लिए घर जाने की मंजूरी देने की मांगों को लेकर अपर श्रमायुक्त नागपूर को ज्ञापन सौंपे में स्पष्ट किया है कि ठेका श्रमिकों को दोपहर 12 से डेढ बजे तक भोजनावकाश अपने निवास घर जाने की मंजूरी दी जाए। कृति समिति के अनुसार इस पावर प्लांट में भोजनावकाश के लिए भोजन कक्ष और आराम कक्ष उपलब्ध नहीं है ?
क्योंकि मेहनतकश मजदूरों ने निर्धारित भूख के समय पर खाना नहीं खाया तो उनका स्वास्थ्य संतुलन बिगड सकता है ? बिजली प्रबंधन को पता है कि श्रमिकों को भोजनावकाश के लिए घर जाने से वंचित रखा जाना इसे मानव अधिकार और पिछड़ावर्ग आयोग के नियमों के खिलाफ माना जा रहा है ? परंतु इस पावर प्लांट प्रबंधन के मुख्य अभियंता ने श्रमिक हितों के विरुद्ध अधिसूचना जारी कर कहा है कि विधुत केन्द्र कोराडी में कार्यरत सभी ठेकेदारी श्रमिक पाली में कार्य करते समय कोई मजदूर भोजन के लिए प्लांट से बाहर नही छोड़ा जाएगा तथा डियूटी पर ही भोजन करने की व्यवस्था व्यक्तिगत स्वयं को करना है।
मुख्य अभियंता द्धारा जारी परिपत्रक को पढ़कर ठेका कंपनियों तथा श्रमिकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई। संयुक्त कृति समिति सचिव भीमराव बाजनघाटे ने तत्संबंध में अपर श्रम आयुक्त नागपूर को पत्र लिखकर सच्चाई से अवगत कराया गया कि ठेका अधिनियम 1970 एवं कारखाना अधिनियम 1948 के अनुसार श्रमिकों को भोजन अवकाश की सुविधाएं दी जाएं। इस पर सहायक श्रम आयुक्त श्रीमती एन वी नगरारे ने इंटक के ज्ञापन मे दर्शाये विवरण का अध्ययन किया,पश्चात श्रमिकों को नियमानुसार जब तक सुख सुविधां यानी साईट में ही भोजन कक्ष और आराम कक्ष उपलब्ध नही किया गया तब तक यथा स्थित कायम रखी जाने का आदेश दिया है ? उधर श्रम आयुक्त द्वारा इस तरह से लिखित सूचना दिये जाने के बावजूद भी मुख्य अभियंता ने अपना आदेश वापस नही लिया है ?
श्री बाजनघाटे का कहना है कि यह मुख्य अभियंता भी महानिर्मिती का वरिष्ठ अधिकारी बतौर नौकर ही है ? मालिक नही है ?
उल्लेखनीय है कि कोराडी पावर प्लांट सहित महानिर्मिती के सभी बिजली केन्द्रों में कार्यरत स्थाई कर्मियों को भोजनावकाश लिए उनके निवास कालोनी में जाने की छूट दी गई है ? फिर ठेका श्रमिकों के साथ ऐसा भेदभाव न अन्याय क्यों ? हालांकि बडा सरकारी नौकर बतौर मुख्य अभियंता अपने ही पावर प्लांट के ठेका मजदूरों के साथ अन्याय और आर्थिक शोषण कर रहे है ? इस मामले की जांच और कार्यवाही भी जरुरी है ? कामगार संयुक्त कृति समिति ने श्रमायुक्त से मांग की है कि सामान्य श्रमिकों को साढे चार बजे से साढे पांच बजे के लिए 1 घन्टे का अतिरिक्त डबल ओवरटाइम पगार उपलब्ध करवाने की भी मांग की है.
सहायक श्रमायुक्त ने अपने पत्र में मुख्य अभियंता को श्रमिक हितों से अवगत कराया
सहायक श्रम आयुक्त श्रीमती नगराले ने अपने कार्यालयीन पत्र क्र.116 दिनांक: 6 जनवरी 2022 में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यूनियन प्रतिनिधियों और बिजली प्रबंधन प्रतिनिधी के साथ श्रम आयुक्त कार्यालय में हूई चर्चा बैठक के दौरान श्रम आयुक्त ने लिखित रुप में मुख्य अभियंता को स्पष्ट आदेश दिया है कि जब तक कार्यस्थल में श्रमिकों के लिए व्यवस्थापन की तरफ से भोजन कक्ष और आराम कक्ष उपलब्ध कराया नही जाता है तब तक पूर्व की तरह ही यथास्थिति बरकरार रखी जाए।
पत्र में कहा गया है कि संयुक्त कृति समिति के ज्ञापन के अनुसार जिन श्रमिकों ने सुबह 08 से शाम 5.30बजे तक डियूटी किया है उन्हें 4.30 बजे से 5.30 बजे तक का एक घन्टे का डबल ओवरटाईम वेतन उपलब्ध कराये जांए ? श्रमायुक्त ने श्रमिक हित में की जाने वाली आवश्यक कार्रवाई का जबाव मांगा है ?
श्रम आयुक्त कार्यालय में हूई चर्चा बैठक में संयुक्त कृति समिति के अध्यक्ष विजय पाटील, उपाध्यक्ष विनोद बोरकर, सचिव भीमराव बाजनघाटे,सह सचिव वैभव बन्डे, कोषाध्यक्ष रमेश गाणोरकर इत्यादि उपस्थित थे।