नागपुर: धर्मा पाटिल मृत्यु मामले में मुख्यमंत्री पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की माँग कांग्रेस के नेता नाना पटोले ने की है। इस मामले को वर्ष 2016 में अमरावती में 10 वर्षीय बालक की नदी के गड्ढे में गिरकर हुई मौत के मामले से जोड़ते हुए पटोले ने यह माँग की। इस मामले में स्थानीय नगराध्यक्ष के साथ अन्य पदाधिकारियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था। धुले निवासी 85 वर्षीय वृद्ध किसान धर्मा पाटिल ने मंत्रालय में मुख्यमंत्री कैबिन के पास ज़हर पीकर आत्महत्या कर ली थी। इस घटना के लिए राज्य सरकार और सीधे तौर पर मुख्यमंत्री ज़िम्मेदार है इसलिए उनके साथ सम्बंधित विभाग के अधिकारियो पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। साथ ही इस मामले की उच्च न्यायालय के न्यायधीश के माध्यम से जाँच भी होनी चाहिए।
पाटिल ने 4 दिसंबर 2017 को नाशिक विभाग के राजस्व सचिव को पत्र लिखा था जिसमे उन्हें मिले मुआवज़े पर असंतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाए जाने का संकेत भी दिया था। बीते तीन वर्षो से वो अपने हक़ के लिए सरकार और सम्बंधित विभाग से गुहार लगा रहे थे। लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिल रहा था इसी हताशा में उन्होंने आत्महत्या कर ली।
आरोपी को बचाने वाले मुख्यमंत्री मिस्टर क्लीन कैसे ?
धुले जिले की को ऑपरेटिव्ह बैंक में 15 करोड़ रूपए का गैरव्यवहार हुआ। इस मामले में मंत्री और विधायक दोनों ही आरोपी है। इस मामले की जाँच कर रहे अधिकारी प्रदीप पाडवी ने आरोपी की गिरफ़्तारी के दौरान तनावपूर्ण स्थिति निर्माण होने का संदेह व्यक्त करते हुए पुलिस बंदोबस्त की माँग की थी। ऐसा होने के बाद भी मुख्यमंत्री आरोपी को बचाने का प्रयास कर रहे है। जनता के पैसे लूटने वाले आरोपी को बचने वाले मुख्यमंत्री कैसे मिस्टर क्लीन हो गए।