Published On : Thu, Mar 5th, 2020

नई शिक्षा नीति के विरोध में होगी दिल्ली में निषेध सभा : प्रो.देवीदास घोडेस्वार

नागपुर- राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2019 के विरोध में 19 मार्च को दिल्ली के जंतर मंतर पर निषेध सभा का आयोजन किया जा रहा है. क्योकि यह शिक्षा नीति अनुसूचित जाती, जनजाति, ओबीसी, आदिवासी, महिलाओ और अल्पसंख्यकों के विरोध में है. यह कहना है प्राध्यापक देवीदास घोडेस्वार का. वे गुरुवार 5 मार्च को आयोजित पत्र परिषद् में सरकार के इस शिक्षा निति के विरोध में होनेवाली सभा को लेकर पत्र परिषद् में बोल रहे थे.

इस दौरान पत्र परिषद् में बहुजन हिताय संघ के डॉ. शंकर खोब्रागडे, लार्ड बुद्धा टीवी के भैय्याजी खैरकर, सचिन मून, राष्ट्रीय जनसुराज्य पार्टी के अध्यक्ष राजेश काकड़े, आगलावे समेत अन्य संघटनो के लोग मौजूद थे.

Gold Rate
24 Sept 2025
Gold 24 KT ₹ 1,14,000 /-
Gold 22 KT ₹ 1,06,000 /-
Silver/Kg ₹ 1,35,700/-
Platinum ₹ 49,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

इस दौरान घोडेस्वार ने कहा की पहले एक विशिष्ट जाती एवं धर्म को छोड़ किसी को शिक्षा का अधिकार नहीं था. सविंधान के बाद बाबासाहेब ने इसे लागू किया.

1992-93 में निजीकरण की निति आयी. लेकिन उसमे यह बात थी की निजी संस्थाएं शिक्षा देगी. लेकिन इस सरकार की नई शिक्षानीति में खासकर संस्कृत भाषा को बढ़ावा दिया जानेवाला है.

उन्होंने कहा की वर्तमान केंद्र सरकार ने जून-2019 के पहले सप्ताह में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2019 का मसौदा आम जनता के अवलोकनार्थ और उसपर आपकी राय रखने के लिए घोषित की. दरअसल यह मसौदा आम जनता को नहीं समझेगा. इस मसौदे के अध्ययन एवं विश्लेषण के पश्चात यह मसौदा शिक्षा का भगवाकरण और व्यापारीकरण करनेवाला है.

शिक्षा बेचनेवाले और शिक्षा न खरीदनेवाला ऐसे दो वर्गो में भारतीय समाज को बाँटनेवाला है.

जो लोग शिक्षा खरीद नहीं सकते उनकी भावी और अगली पीढ़ियों को केवल अर्धशिक्षित, अर्धकुशल, श्रमिक बनाकर तथा व्यवस्था का गुलाम बनानेवाली है.

इस दौरान भैय्याजी खैरकर ने कहा की हमें सभी समाज के लिए अच्छी शिक्षा की जरुरत है और हमारी यहीं मांग है. इस दौरान पत्र परिषद् में मौजूद अन्य लोगों ने भी इस नई शिक्षा निति विरोध किया.

Advertisement
Advertisement