नागपुर. केन्द्र सरकार और रेलवे की देशभर में जारी महत्वाकांक्षी थर्ड लाइन परियोजनाओं के तहत दक्षिण-पूर्व-मध्य रेल जोन में शामिल नागपुर-रायपुर तीसरी लाइन का काम सालेकसा और दरेकसा स्टेशनों के बीच बंद पड़ा है. एसईसीआर नागपुर मंडल के तहत आने वाले इन दोनों स्टेशनों के बीच की दूरी 11.20 किमी है.
खास बात है कि इस सेक्शन में केवल 250 मीटर के पैच में ही निर्माणकार्य किया जाना है लेकिन नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ (एनवीडब्ल्यूएफ) और स्टेट बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ (एसवीडब्ल्यूएफ) की ओर अनुमति नहीं दी जा रही है. यदि ये पैच बन जाये तो भंडारा से दुर्ग तक 102 किमी की पूरी लाइन मिल जायेगी. नागपुर से तिरोड़ा और तुमसर व भंडारा रोड तक पहले ही 68 किमी की पटरी बिछ चुकी है.
100 वर्ष पुरानी टनल में पड़ रही दरार
नागपुर से रायपुर के बीच बन रही यह तीसरी रेल लाइन करीब 100 वर्ष पहले बने हावड़ा रेल रूट से लगकर बनाई जा रही है. इस रूट पर कई पुराने पुल और सुरंगें बनी हुई हैं. जानकारी के अनुसार नई पटरी बिछाने के लिए किये पहाड़ियां काटना जरूरी है लेकिन विस्फोट के कारण करीब 100 वर्ष पुरानी टनल में दरारें आ रही हैं. ऐसे में एनवीडब्ल्यूएफ और एसवीडब्ल्यूएफ अनुमित देने में आनाकानी कर रहा है.
6 महीनों में नहीं हुई कोई बैठक
जानकारी के अनुसार एसईसीआर ने दोनों ही वन बोर्डों में 250 मीटर के इस सेक्शन में निर्माणकार्य के लिए लिखित आवेदन कर अनुमति मांगी है. हालांकि अभी तक अनुमति नहीं मिली है. सूत्रों की मानें तो आवेदन किये लंबा समय बीत चुका है और इस वर्ष अभी तक दोनों के बीच कोई बैठक भी नहीं हुई है. ऐसे में अनुमति प्रक्रिया लंबी खिंचती नजर आ रही है.
अधिकारियों की मानें तो सालेकसा स्टेशन की ओर से 7.50 किमी का ट्रैक बिछ चुका है. वहीं नागपुर से तिरोड़ा, तुमसर और भंडारा रोड तक 68 किमी की लाइन भी बिछ चुकी है. ऐसे में भंडारा को दुर्ग से जोड़ने के लिए 250 मीटर का केवल यही पैच अनुमति में अटका है. यदि ये बन गया तो 102 किमी की सीधी तीसरी लाइन पूरी हो जायेगी.