Published On : Wed, Aug 16th, 2017

देशी शराब दुकान के लिए आवश्यक होगी 25 स्क्वेयर मीटर जगह

Advertisement
Desi Daru

Representational pic


नागपुर: 
राज्य में शराब बंदी को लेकर उठ रही माँग और तेज़ हो गई है ख़ास तौर से सड़को के किनारे देशी शराब दुकानों को लेकर समाज का ख़ास तबका अपनी नाराजगी जाहिर कर रहा है। शराब बंदी की माँगो के बीच राज्य के आबकारी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहाँ है की वैध शराब की दुकानों को बंद कर देने की वजह से अवैध शराब का कारोबार तेज़ी से बढ़ने का डर रहता है। राज्य में अवैध शराब पीने की वजह से मौत होने की कई घटनाये हो चुकी है।

जाहिर है उनके इस बयान से साफ़ है की राज्य में शराबबंदी का अभी कोई प्लान नहीं है पर उन्होंने शराब दुकानों की वजह से सड़कों पर महिलाओं और नागरिकों को होने वाली तकलीफ़ का समाधान जल्द निकाल लिए जाने का दावा किया है। बावनकुले ने जानकारी देते हुए बताया की राज्य सरकार देशी शराब दुकानों को बियर बार की तर्ज़ पर विकसित करने की योजना पर काम कर रही है। अब देशी शराब की दुकानों के लिए 25 स्क्वेयर मीटर जगह की आवश्यकता को बंधन कारक किया जायेगा। फ़िलहाल जो दुकानें चल रही है उनके लाइसेंस के रिन्यूवल के समय इस शर्त को पूरा करना जरुरी किया जायेगा।

इस योजना के पीछे तर्क देते हुए आबकारी मंत्री ने बताया की आम तौर पर देशी शराब की दुकानों का दायरा छोटा होने की वजह से वहाँ से शराब ली जाती है और रास्ते में या किसी ठेले में पी जाती है। जिससे जनता को तकलीफ़ होती है जगह बड़ी होने की वजह से दुकान में ही शराब पीने की व्यवस्था होगी।

हाईवे पर शराब बंदी को लेकर अन्य राज्यों में उठाए गए कदमों का सरकार कर रही अध्ययन
हाईवे पर शराब बंदी को लेकर लेकर शहर की आतंरिक सीमा में शराब दुकानों को बचाने के लिए 8 राज्यों ने मार्गो को डिनोटिफाइड किया है। आबकारी मंत्री के मुताबिक फ़िलहाल इन राज्यों में उठाये गए क़दमों पर अध्ययन शुरू है। उन्होंने साफ़ किया की राष्ट्रीय राजमार्ग पर सरकार कोई कदम नहीं उठाएगी। राज्य के मार्गो पर विचार शुरू है इन मार्गो को स्थानीय विकास प्राधिकरण को हस्तांतरित किये जा सकते है। शहर के कई बड़े होटलों में शराबबंदी के बाद भी शुरू शराब बिक्री पर बावनकुले ने कहाँ की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक मार्ग से 500 मीटर की दुरी पर शराब बिक्री नहीं होनी चाहिए। आदेश में स्पस्ट नहीं है की इस दायरे को मापने का तरीका क्या हो फ़िलहाल वॉकिंग दुरी के आधार से आकलन कर इसे माना न रहा है। यह मसला तकनिकी है जिस पर अध्ययन जारी है।