नागपुर: मनपा में करीबियों पर मेहरबानी और काबिल व पात्र कर्मचारियों की अनदेखी का सिलसिला लगातार जारी है. इस बार शिक्षा विभाग में सेवा वरिष्ठता सूची को दरकिनार कर शिक्षणाधिकारी बनाने का मामला उजागर हुआ है. इस मामले में पात्र उम्मीदवार ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर की है.
उसे पूरा भरोसा है कि संबंधित मामले में न्याय मिलेगा. न्यायलय की तरफ से गत शुक्रवार को मनपा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. 4 अक्टूबर को न्यायलय में सुनवाई की अगली तिथि सुनिश्चित की गई है.
याचिकाकर्ता के अनुसार मनपा शिक्षा विभाग में अशोक टालाटूले की सेवानवृत्त के बाद सेवा ज्येष्ठता सूची के अनुसार मालती शर्मा दूसरे नंबर पर थी. ऐसे में टालाटूले की सेवानवृत्ति के बाद शर्मा को शिक्षाधिकारी बनाया जाना चाहिए था. लेकिन अधिकारियो सह पदाधिकारियों के दबाव में सूची में पांचवें नंबर के फारुख अहमद खान को चार उम्मीदवारों के ऊपर तरजीह देकर शिक्षणाधिकारी बनाया गया.
जबकि सूची में पहले नंबर पर मालती शर्मा, दूसरे नंबर पर रमेश डोमाजी भलावी, तीसरे नंबर पर संध्या वि. मेडपल्लीवार तथा चौथे नंबर पर रजनी दीपक देशकर है. मनपा में मालती शर्मा की नियुक्ति 1 मार्च 1982 को हुई थी, जबकि फारुख अहमद खान की नियुक्ति 1 सितंबर 1984 को हुई थी.
मालती शर्मा सदर स्थित मनपा हाईस्कूल में मुख्याध्यापिका हैं. संबंधित मामले में याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार, मनपा और शिक्षणाधिकारी फारुख खान को पार्टी बनाया है.
उल्लेखनीय है कि फारुख खान पर शालाओं में अनियमितता के कई आरोप लगे है. पुलिस में शिकायत भी हुई है. उनकी नियुक्ति पर शिक्षक संघ ने आपत्ति भी दर्ज कराई थी.
शाला निरीक्षक को बनाया सहायक शिक्षणाधिकारी
मनपा शिक्षा विभाग में मीना गुप्ता का पद शाला निरीक्षक का है. फिर भी उन्हें कुछ समय के लिए प्रभारी शिक्षणाधिकारी बनाया गया था. फारुख अहमद खान के आने के बाद उन्हें सहायक शिक्षणाधिकारी बनाया गया है. जबकि कई और पात्र शिक्षक हैं, जिन्हें यह पद दिया जा सकता था.