नागपुर: भीमा कोरेगांव में हुई हिंसक घटना के विरोध में नागपुर शहर के संविधान चौक पर आंबेडकरी जनता की ओर से सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई. तो वहीं घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. इस दौरान सैकड़ों की तादाद में महिलाओं ने और युवाओं समेत विभिन्न संघटनाओं ने इसमें शामिल होकर इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना का विरोध किया.
भीमा कोरेगांव में घटित इस घटना में 30 से 40 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था. नागपुर शहर में कई जगहों पर इस घटना को लेकर जोरदार प्रदर्शन चल रहा है. दरअसल हर वर्ष महाराष्ट्र समेत देश के विभिन्न जगहों से भीमा कोरेगांव में एक जनवरी को लोग शौर्य दिवस मनाने के लिए इकट्ठा होते हैं. इस दौरान पुणे से करीब 30 किलोमीटर दूर पुणे-अहमदनगर हाइवे पर पेरने फाटा के पास विवाद हुआ और इस विवाद ने हिंसक रूप ले लिया. इसी को लेकर समूचे राज्य में प्रदर्शन का दौर चल रहा है.
संविधान चौक में मौजूद कोर्ट फिल्म के कलाकार वीरा साथीदार ने इस घटना पर अफ़सोस जताते हुए कहा कि पेशवा सरकार की ओर से नियोजित तरीके से यह घटना की गई है. भीमा कोरेगाव के खिलाफ हतोत्साहित करने के उद्देश्य से इस घटना को अंजाम दिया गया है. उन्होंने बताया कि मराठों को हमेशा से ही यही बताया जा रहा है कि मराठों को महारों ने खत्म किया. जबकि सच्चाई यह है कि पेशवाई के खिलाफ लड़नेवाले महारों के साथ साथ, मराठा, राजपूत, मुसलमान और क्रिस्चियन सैनिक भी युद्ध में शामिल थे. उनके शौर्य को भी नकारा नहीं जा सकता. वीरा ने कहा कि इस विजयस्तम्भ को सरकार खत्म करना चाहती है.
