कटोल : कोरोंना के चलते लाक्डाउन के दौरान काम काज बंद होने के कारण सभी जनता आर्थिक संकट का सामना कर रही है, इस कारण कोरोंना संकट टलने तक विदर्भ की सारी जनता को बिजली के बिल से मुक्ती दीजिए इस मुख्य मांग के साथ और अन्य चार मांगो के लिए विदर्भराज्य आंदोलन समिति की और से यूवा आघाडी ज़िल्हा प्रमुख वृषभ वानखेड़े, तालुक़ा प्रमुख धीरज मांदळे इनके नेतृत्व में सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करते हुए सोशल मीडिया पर घोषणा और नारे लगाए गए.
कोरोंना के दौरान व्यापार, खेती, छोटे, लघु उद्योग बंद होगाए और करोड़ों लोग बेरोज़गार होगाए. उनकी माली हालत ख़स्ता होने से लोग सड़क पर आगाए है, उनके पास खाने के लिए पैसे बचे नही तो बिजली का बिल कैसे भरेंगे. ईसकारण विदर्भ की सभी जनता को बिजली बिल से मुक्त करे,२०० यूनिट तक बिजली मुफ़्त हों, २०० यूनिट के बाद बिजली के पर यूनिट रेट आधे होजाए , किसानो की खेत सिंचाई के लिए चलने वाले पानी के पम्प क़ो भी मुफ़्त बिजली मिले यह मांगे इसदौरान रखी गई.
बिजली का उत्पादन विदर्भ में होता है उसके लिए पानी, कोयला लगता है जो विदर्भ कि संपती है और बिजली संयंत्रों द्वारा जो प्रदूषण होता है उसकी तकलीफ़ भी विदर्भवासियो को ही होती है, प्रदूषण के कारण दमा, कैन्सर अस्थमा जैसी गंभीर बीमारीयों से लोग मर रहे है, और उसके बाद यें बिजली के दरों में होने वाली वृद्धि हम अब नही बर्दाश्त करेंगे.विदर्भ की जनता को उसका हक़ मिलना ही चाहिए यह मांग इसदौरान की गई.
सरकार हमेशा जनता को जीसटी, आयकर,व्यवसाय कर, रोड टैक्स,प्रॉपर्टी टैक्स,बिजली बिल,बिजली वहन कर इस तरह के अलग अलग नाम देकर जनता के पैसे लूट रही है,जनता मेहनत करे और सरकार उसे टैक्स लगा कर लूटें यही सिलसिला जारी है. अभी इस गंभीर बीमारी के समय सरकार ने जनता को अपनी तिजोरी खुली कर बिजली के बिल से निजात देकर उनको राहत पहुचानी चाहिये यह आवाहन विदर्भराज्य आंदोलन समिति की और से किया गया.
इस आंदोलन के समय तालुक़ा उपाध्यक्ष प्रवीण राउत,यूवा आघाडी तालुक़ा अध्यक्ष निलेश पेठे,नाना चरड़े,सुरेंद्र नासरे,संजय उपासे,सुमित तांगडे,धनराज तूमडाम, गिरीष शेंडे,लोकेश नेहारे, योगिता ताई धोटे आदि उपस्थित थे.