Published On : Tue, Aug 14th, 2018

केजरीवाल के करीबी ने कबूला- मेरे सामने हुई मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट

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दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी ही उनके लिए परेशानी का सबब बने हैं. दिल्ली पुलिस ने इस केस में चार्जशीट दायर कर दी है, जिसके बाद यह खुलासा हुआ है कि तीन करीबी लोगों ने ही मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ गवाही दी है, जिसके आधार पर मारपीट के केस में उन्हें आरोपी बनाया गया है.

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को ही इस मामले में चार्जशीट दायर की है, जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों के नाम शामिल हैं. इस मसले पर उत्तरी दिल्ली के एडिशनल डीसीपी हरेंदर सिंह ने आजतक को बताया कि वीके जैन, वैभव और विवेक यादव ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ बयान दिया है, जिसके चलते उन्हें आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने इन तीनों को सरकारी गवाह बनाया है.

विभव कुमार अरविंद केजरीवाल के पर्सनल सेक्रेटरी रहे हैं, जबकि वीके जैन मुख्यमंत्री के सलाहकार और विवेक यादव सभी विधायकों से कॉर्डिनेट करने की जिम्मेलदारी संभालते रहे हैं. मुख्यमंत्री के इन तीनों करीबियों के बयान ही उनके खिलाफ गए हैं.

पुलिस के मुताबिक, वीके जैन ने अपने बयान में बताया है कि साजिश के तहत मुख्य सचिव को मीटिंग में बुलाया गया और उनके साथ मारपीट की गई. वीके जैन ने अपने बयान में साफ कहा है कि उनके सामने मुख्य सचिव से मारपीट की गई.

देर रात क्यों बुलाई मीटिंग

पुलिस के मुताबिक, जब वीके जैन से देर रात मीटिंग बुलाने की वजह पूछी गई तो कहा गया कि मोदी भी ऐसा करते हैं. बता दें कि इसी साल 19 फरवरी की देर रात मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर एक मीटिंग बुलाई थी, जिसमें शामिल होने के लिए मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को भी बुलाया गया था. आम आदमी पार्टी की तरफ से दावा किया गया है कि यह मीटिंग घर-घर राशन पहुंचाने की योजना पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी. देर रात बुलाई गई इस मीटिंग में ही मुख्य सचिव ने अपने साथ मारपीट का आरोप लगाया था और एफआईआर दर्ज कराई थी.

मुख्य सचिव की शिकायत के बाद ओखला से आप विधायक अमानतुल्ला खान और देवली से विधायक प्रकाश जारवाल को जेल भी जाना पड़ा था. अब पुलिस ने विधायकों के अलावा मुख्यमंत्री केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी मारपीट की साजिश का हिस्सा बताते हुए उन्हें आरोेपी बनाया है.

बता दें कि अंशु प्रकाश को हटाने के लिए आम आदमी पार्टी बीते शुक्रवार को ही विधानसभा में प्रस्ताव लाई थी. दिल्ली में सीसीटीवी लगाने की स्कीम में रुकावट बनने का आरोप लगाते हुए सदन में बहुमत से अंशु प्रकाश के खिलाफ यह प्रस्ताव पारित किया गया था.