Published On : Wed, Jul 28th, 2021

एश-कोल-डस्ट के दल-दल में फंस कर प्राणहानी का खतरा ?

– कांग्रेस के जिला महासचिव रंगारी का आरोप

नागपुर – महानिर्मिती के वरिष्ठ अभियंताओं की अदूरदर्शिता कोल हैंडलिंग प्लांट मे झलक रही है। अभियंताओं की लापरवाही का नतीजा यहां कोल कन्वेयर बेल्ट स्ट्रक्चर के निचले हिस्से में जमा एश-कोल-डस्ट के दल-दल में फंस कर निरपराध ठेका श्रमिकों पर प्राण हानी का खतरा मंडरा रहा है।कांग्रेस के जिला महासचिव और कान्ट्रक्टर असोसियेशन के अध्यक्ष रत्नदीप रंगारी ने कंपनी तथा अधिकारियों पर सनसनीखेज आरोप मढते हुए स्पष्ट किया है कि अभियंताओं और कंपनी की सांठ-गांठ यह कृत्य ऊर्जा मंत्रालय को बदनाम करने की साजिश का नतीजा है। कान्ट्रकटर असोसियेशन नेता श्री रंगारी ने आगे बताया कि पिछले शासन काल में C.H.P.प्लांट का रख-रखाव व्यवस्थित चल रहा था।परंतु वर्तमान कांग्रेसी ऊर्जा मंत्री डा. नितिन राऊत साहब के शासन-काल में यहां विकास कार्यों मे कोताही बरती जा रहीं हैं।इसे बर्दास्त नही किया जा सकता है।

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उन्होंने कोल हैंडलिंग प्लांट का आंखो देखा हाल का अवलोकन करते हुए बताया है कि इस पावर प्लांट के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों ने यहाँ के विकास कार्यों पर जरा भी ध्यान नही दिया। इसलिए इस पावर प्लांट के हाल-बेहाल हो रहे है। इतना ही नहीं इस पावर प्लांट मे मुफ्तखोर किस्म के दलालों की घुसपैठ हो चुकी है।परिणामतः दलालों का बढता प्रभाव से कंपनी कान्ट्रक्टर तथा अभियंता तंग आ चुके हैं। इन मुफ्तखोर दलालों की वजह से ही ऊर्जा मंत्रालय बुरी तरह बदनाम हो रहा है।


उन्होंने तत्संबंध मे कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले तथा ऊर्जा मंत्री डा नितिन राऊत का इस संबंध में ध्यानाकर्षित किया है कि फूकटखोर दलालों पर कठोर कार्यवाई की जाए तथा महानिर्मिती प्रशासन को आदेश दें कि स्थानीय बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने का अवसर दिया जाए। इसके अलावा ऊर्जा मंत्रालय को बदनाम करने दलालों को तीसरा जैसी कठोर कार्यवाई की जाए? अन्यथा तनाव ग्रस्त ठेका फर्मों को कानून हाथ में लेने के लिए मजबूर होना पडेगा।

स्थानीय फर्मों के पक्ष मे निविदा शर्ते लागू हो
कान्ट्रकटर असोसियेशन के अध्यक्ष रत्नदीप रंगारी ने नये मुख्य अभियंता एवं प्रभारी कार्यपालन निदेशक प्रकाश खंडारे से अपेक्षा व्यक्त की है कि इस पावर प्लांट की साफ-सफाई, ऊर्जा विकास तथा स्थानीय ठेका फर्मों के पक्ष मे कोल हैंडलिंग प्लांट की ई-निविदा मे शर्तें और नियम लागू किये जाए। और बाहरी राज्य की फर्मों को आऊट किया जाए। क्योंकि परियोजना प्रभावित कोराडी-महादुला वासियों ने अपनी वहूमूल्य कृषि भूमि राष्ट्र को समर्पण की है और बाहरी कंपनी फर्मों को ठेका रोजगार दिया गया और स्थानीय लोगों को बेरोजगारी और प्रदूषण की मार झेलनी पड रही है।

वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थानीय फर्मों के हित मे निर्णय लेना चाहिए अन्यथा कान्ट्रक्टर असोसियेशन को इन बहुउद्देशीय मांगो को लेकर धरना-आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा।

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