Published On : Mon, Mar 7th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

Petrol Diesel price: कभी भी बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम, फटाफट करवा लें टंकी फुल

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करीब 120 दिन के ब्रेक के बाद अब आम लोगों को कभी भी झटका लग सकता है. एक ओर ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल (Crude Oil) 14 साल के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया है, तो दूसरी ओर 5 राज्यों का विधानसभा चुनाव आज अंतिम पड़ाव में आ चुका है. पिछले कुछ सालों के ट्रेंड को देखें तो इस बात की आशंका है कि सरकारी तेल कंपनियां डीजल-पेट्रोल के दाम (Diesel-Petrol Prices) बढ़ाने की शुरुआत अब किसी भी समय कर सकती है.

नवंबर के बाद नहीं बढ़े हैं डीजल-पेट्रोल के दाम
पिछले साल नवंबर में देश के कई राज्यों में डीजल-पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर निकल गए थे. इसके बाद केंद्र सरकार ने एक्साइज (Excise Duty) घटाकर लोगों को मंहगाई से बड़ी राहत दी थी. उसके बाद से अभी तक डीजल-पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं. बाद में राज्य सरकारों ने वैट (VAT) घटाया तो इनके दाम कम ही हुए. जब नवंबर में केंद्र सरकार ने एक्साइज में कटौती की थी, तब क्रूड ऑयल 82 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास था. क्रूड ऑयल ग्लोबल मार्केट में अभी 2008 के बाद के उच्च स्तर पर पहुंच चुका है.

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पिछले 4 महीने में इतना महंगा हो चुका क्रूड ऑयल
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) रविवार के कारोबार में 11.67 डॉलर यानी करीब 10 फीसदी चढ़कर 129.78 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. इसी तरह वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) भी 10.83 डॉलर यानी 9.4 फीसदी उछलकर 126.51 डॉलर प्रति बैरल पर जा पहुंचा. यह क्रूड ऑयल और वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट दोनों के लिए जुलाई 2008 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. नवंबर से तुलना करें तो अभी क्रूड ऑयल 58 फीसदी से ज्यादा ऊपर निकल चुका है.

चुनाव के चलते पहले भी हो चुका है ऐसा काम
मौजूदा पॉलिसी के तहत सरकारी तेल विपणन कंपनियां हर रोज सुबह में डीजल-पेट्रोल के दाम की समीक्षा करती हैं. ग्लोबल मार्केट में क्रूड का जो ट्रेंड रहता है, उसी के हिसाब से घरेलू बाजार में डीजल और पेट्रोल के खुदरा मूल्य घटाए-बढ़ाए जाते हैं. इस तरह अभी के हिसाब से डीजल-पेट्रोल के दाम 50 फीसदी से ज्यादा बढ़ाए जा सकते हैं. सरकार के ऊपर ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के चलते डीजल-पेट्रोल के दाम करीब 4 महीने से नहीं बढ़े हैं. ऐसा पहले भी हुआ है, जब चुनाव नजदीक आने पर क्रूड के दाम बढ़ने के बाद भी डीजल-पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी 2 दिन पहले इस बात को लेकर सरकार को निशाने पर लिया था. उन्होंने Tweet किया था, ‘फटाफट पेट्रोल टैंक फुल करवा लीजिए. मोदी सरकार का चुनावी ऑफर खत्म होने जा रहा है.’

लोकसभा चुनाव में वोटिंग खत्म होते ही बढ़े दाम
साल 2019 में जब लोकसभा चुनाव हो रहे थे, तब भी यह ट्रेंड देखने को मिला था. 19 मई को लोकसभा चुनाव के सातवें व अंतिम चरण की वोटिंग हुई. इसके अगले दिन ही पेट्रोल के दाम में 10 पैसे तक की और डीजल के दाम में 16 पैसे तक की बढ़ोतरी की गई. हालांकि क्रूड ऑयल के दाम पहले से ही बढ़ रहे थे, लेकिन तेल कंपनियां डीजल-पेट्रोल के दाम उस हिसाब से नहीं बढ़ा रही थीं. जैसे ही चुनाव संपन्न हुआ, कंपनियों तेजी से दाम बढ़ाने लगीं.

इन राज्यों के पिछले चुनाव के समय भी दिखा था ट्रेंड
इसी तरह 2017 में 2 बार यह ट्रेंड देखने को मिला. डीजल-पेट्रोल के दाम पर लगा मौजूदा फ्रीज सबसे लंबा है. इससे पहले 2017 की शुरुआत में सबसे लंबा फ्रीज लगा था, जो करीब ढाई महीने का था. तब भी इन्हीं पांच राज्यों के चुनाव हो रहे थे, जहां इस बार हो रहे हैं. पंजाब, गोवा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मणिपुर के चुनाव के चलते 16 जनवरी से 01 अप्रैल 2017 तक डीजल-पेट्रोल के दाम स्थिर रहे थे. साल 2017 में ही गुजरात विधानसभा के दौरान करीब 14 दिन तक इनके दाम नहीं बढ़ाए गए थे. इन सभी अवधि में ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल में अपट्रेंड रहा था.

कर्नाटक चुनाव के बाद लगातार 16 दिन बढ़े दाम
कुछ ऐसी ही कहानी 2018 में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव की भी है. साल 2018 के मई में जब कर्नाटक में चुनाव हो रहे थे, डीजल और पेट्रोल के दाम 19 दिन तक नहीं बढ़े थे, बावजूर इस बात के कि इस अवधि में क्रूड ऑयल करीब 5 डॉलर प्रति बैरल चढ़ा था. जैसे ही चुनाव समाप्त हुआ, कंपनियां दनादन दाम बढ़ाने लग गईं. 14 मई 2018 को चुनाव संपन्न होने के बाद लगातार 16 दिन डीजल-पेट्रोल महंगा हुआ. इस अवधि में पेट्रोल 3.80 रुपये तो डीजल 3.38 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया.

इतना महंगा हो जाएगा डीजल और पेट्रोल
ब्रोकरेज फर्म जेपी मॉर्गन ने भी एक हालिया रिपोर्ट में कहा था कि पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव संपन्न होते ही डीजल-पेट्रोल के दाम फिर से हर रोज बढ़ाए जा सकते हैं. जेपी मॉर्गन ने कहा था कि सरकारी तेल कंपनियों को डीजल-पेट्रोल पर प्रति लीटर 5-7 रुपये का घाटा हो रहा है. जब यह रिपोर्ट आई थी, तब क्रूड ऑयल 100 डॉलर प्रति बैरल के लेवल से कुछ नीचे ही था. अभी क्रूड उस स्तर से 30 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुका है. इस तरह देखें तो अगले कुछ ही दिनों में डीजल-पेट्रोल के दाम ठीक-ठाक बढ़ने वाले हैं. इसकी शुरुआत हो सकता है आज से ही हो जाए, या संभव है कि कंपनियां कल से दाम दिवाइज करने की राह पर लौटें.Live TV

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