मलकापुर (बुलढाणा)। साकोली वनक्षेत्र में जांभली (खांबा) परिसर में बकरी और भेड़ों शिकार करके दहशत निर्माण की तथा एक वृद्धा की जान लेने वाला तेंदुआ आज पिंजरे में कैद है. आज मलकापुर के विश्राम गृह पर इस तेंदुए को रखा गया. इस दौरान उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हुई थी.
भंडारा जिले के जांभली (खांबा) परिसर में दहशत निर्माण करके भेड़ों पर व एक 75 वर्षीय वृद्धा महिला का शिकार करनेवाला तेंदुआ आज पिंजरे में कैद हो गया. तेंदुए की दहशत काफी फैली थी. 6 नवंबर 2014 को गडेगांव वनविभाग के लाकुड डेपो में तेंदुए को कैद किया गया था. इस तेंदुए के दोनों पैरों और सर को जख्म हुई थी. उसका इलाज किया गया. इसे ठीक होने में 4-5 महीने लगेंगे.
तेंदुआ ठीक होने के बाद वो नरभक्षी होने से उसे फिर जंगल में न छोड़ते हुए मुंबई के बोरवली संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ने का निर्णय लिया गया. 6 अप्रैल शाम 5.30 बजे कैद किए तेंदुए को एम.एच.36-1679 इस मालवाहक मेटाडोअर से पिंजरे समेत बोरवली की ओर रवाना किया. आज दोपहर तेंदुआ मलकापुर में दाखिल हुआ. उसके स्वास्थ्य पर विपरीत परिणाम न हो इसलिए शाम तक शहर के विश्राम गृह में परिसर के नीम के पेड़ निचे गाडी रखी गई.
इस तेंदुए के साथ सहायक वनरक्षक डी.डी.पटले, वनपरीक्षेत्र अधिकारी ए.बी. यसनसुरे, पशुवैद्यकीय अधिकारी डा. गुणवंत भड़के, वनरक्षक डि.पी. मेश्राम, व्हीएल सेलोका, वनमजुर देवराम मसराम आदि टीम थी.

