Published On : Fri, Nov 20th, 2020

Coronavirus: देश में पहली बार पुणे में हर्ड इम्यूनिटी दिखने के मिले संकेत

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नागपुर– भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते संक्रमण के बीच एक नई जानकारी सामने आई है. दावा किया जा रहा है कि पुणे में करीब 85 फीसदी लोगों में कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद हर्ड इम्यूनिटी (Herd Immunity) बन गई है. यानी सीधे शब्दों में कहा जाए तो इन सभी लोगों में कोरोना से लड़ने की क्षमता विकसित हो गई है. इस साल सीरो सर्वे में ये खुलासा हुआ था कि कुछ इलाकों में ज्यादातर लोग कोरोना से पहले ही संक्रमित हो चुके हैं.

और क्या पता चला?
अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक पुणे के पांच प्रभाग में एक अध्ययन किया गया. ये वो इलाके थे जहां जुलाई अगस्त के महीने में सीरो सर्वे कराए गए थे. इस सर्वे में पता चला था कि यहां करीब 51% लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके थे. सीरो सर्वे से ये पता चलता है कि कितने लोगों में कोरोना को लेकर एंटीबॉडीज बनी है. इसका मतलब ये नहीं होता है कि किसी व्यक्ति में कोरोना से लड़ने की क्षमता विकसित हो गई हो. ये तभी होता है जब किसी में न्यूट्रलाइजिंग या फिर प्रोटेक्टिव एंटीबॉडीज बनी हो.

क्या है दावा?
पुणे के लोहियानगर प्रभाग में पिछले कुछ महीनों के दौरान काफी बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज़ मिले थे. सीरो सर्वे में भी ये पता चला था कि यहां बड़ी संख्या में लोग कोरोना से संक्रमित हो गए है. लेकिन पिछले 3 महीनों में यहां कोरोना के मरीजों की संख्या में भारी गिरावट आई है. अध्ययन करने वाले एक डॉक्टर गगनदीप के मुताबिक फिलहाल पक्के तौर पर ये नहीं कहा जा सकता है कि पुणे के कुछ लोगों में हर्ड इम्यूनिटी बन गई है. लेकिन, इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि मरीजों की संख्या अब कम हो रही है. बता दें कि अब तक पुणे में 3.44 लाख कोरोना के केस मिले हैं.

हर्ड इम्यूनिटी क्या है?
अगर कोई बीमारी विश्व या किसी देश के बड़े हिस्से में फैल जाती है और मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता उस बीमारी के संक्रमण को बढ़ने से रोकने में मदद करती है तो जो लोग बीमारी से लड़कर पूरी तरह ठीक हो जाते हैं, वो उस बीमारी से ‘इम्यून’ हो जाते हैं, यानी उनमें प्रतिरक्षात्मक गुण विकसित हो जाते हैं. उनमें वायरस का मुक़ाबला करने को लेकर सक्षम एंटी-बॉडीज़ तैयार हो जाता है. ऐसे हालात में बीमारी फैलने की चेन टूट जाती है.