नागपुर: महाराष्ट्र राज्य के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी संजय इरांडे को पुरानी पेंशन योजना का लाभ न दिए जाने पर बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव बी. वेणूगोपाल रेड्डी, उच्च शिक्षा संचालनालय के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र देवेलंकर समेत अन्य अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इन अधिकारियों से जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
संजय इरांडे ने अपनी याचिका में कहा है कि वह 21 फरवरी 1992 से 4 सितंबर 2008 तक महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल में कार्यरत रहे। इसके पश्चात उन्हें संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय में स्थानांतरित किया गया, जहाँ उन्होंने 31 जुलाई 2021 तक सेवा दी। इस सेवा काल के आधार पर वह पुरानी पेंशन योजना के पात्र हैं।
हालांकि, 13 मई 2022 को जारी एक पत्र में उन्हें इस योजना का लाभ देने से इनकार किया गया। इसके विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर निर्णय सुनाते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि याचिकाकर्ता को पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत माना जाए और छह सप्ताह के भीतर लाभ प्रदान किया जाए। लेकिन आदेश के बावजूद लाभ नहीं दिया गया, जिससे मजबूर होकर इरांडे ने अवमानना याचिका दायर की।
सरकारी आदेशों का उल्लेख
याचिकाकर्ता ने 15 नवंबर 1985 के सरकारी आदेश का हवाला दिया, जिसमें बोर्ड कर्मचारियों को पेंशन के लिए पात्र माना गया है। हालांकि, 31 अक्टूबर 2005 को नई अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई, जो सहायता प्राप्त संस्थानों पर लागू होती है। याचिकाकर्ता का तर्क है कि उसकी सेवा नई योजना से पूर्व की है और इस कारण वह पुरानी योजना का ही पात्र है।
कोर्ट की टिप्पणी
कोर्ट ने कहा कि सह निदेशक द्वारा जारी पत्र में यह नहीं कहा गया कि याचिकाकर्ता पेंशन के लिए अपात्र है, बल्कि यह कहा गया कि पुरानी पेंशन योजना उस पर लागू नहीं होती। जबकि याचिकाकर्ता की पिछली सेवाओं को ध्यान में रखते हुए उसे पुरानी योजना का लाभ मिलना चाहिए।
अब अगली सुनवाई तक अधिकारियों से मांगा गया जवाब
कोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी करते हुए अधिकारियों से अगली सुनवाई तक स्पष्ट जवाब मांगा है कि आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया।