Published On : Sun, Jul 16th, 2017

बिना खुदाई जारी है सीमेंट सड़क का निर्माणकार्य

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नागपुर: उत्तर नागपुर में सीएमपीडीआई कॉलोनी से लेकर पाटणकर चौक तक सीमेंट सड़क का निर्माण कार्य जारी है. लेकिन दयानंद पार्क के सामाने सीमेंट सड़क निर्माण से पहले की जानेवाली खुदाई को किए बिना ही डामर की सड़क पर ही सीमेंट की नई सड़क का निर्माणकार्य शुरू कर दिया गया है. इस तरह अवैध तरीके से तैयार किए जा रहे कार्य पर स्थानीय नागरिकों ने आक्षेप लिया है. नागरिकों ने शंका दर्शाई है कि निर्माण कार्य निम्न दर्जे का किया जा रहा है.

नागपुर शहर के आधे हिस्से की प्रमुख सड़कों को (जहाँ जरूरत नहीं है वहां भी) सीमेंट सड़क में तब्दील करने का सिलसिला जारी है. इन सड़कों की आयु कम से कम ५० साल अपेक्षित की गई है जिस दौरान इस पर किसी भी प्रकार का अन्य खर्च नहीं आएगा. मनपा प्रशासन, मनपा सत्ताधारी, राज्य सरकार, केंद्र सरकार के साथ सड़क निर्माता ठेकेदार लगातार दावा कर रहे हैं कि सड़क निर्माण का काम उच्च दर्जे का हो रहा है.

लेकिन आए दिन सीमेंट की सड़कों से जुड़ी अनगिनत शिकायतें प्रशासन और पदाधिकारियों तक पहुंच रही है, खानापूर्ति के लिए जांच के निर्देश भी जारी हो रहे हैं, लेकिन वही ‘ढाक के तीन पात’ कहावत की तर्ज पर सफेदपोश की शह पर बिना अनुभव वालों ( विजयवर्गीस समूह) को भी सीमेंट सड़क निर्माण का ठेका दिया गया.

ऐसा ही एक अन्य मामला प्रकाश में आया है.उत्तर नागपुर में सीएमपीडीआई कॉलोनी से लेकर पाटणकर चौक तक सीमेंट सड़क का निर्माण कार्य जारी है. लेकिन दयानंद पार्क के समक्ष सीमेंट सड़क निर्माण के पहले खुदाई किए बिना डामर की सड़क पर सीधे सीमेंट की नई सड़क का निर्माणकार्य जारी है. इस सीमेंट सड़क का भूमिपूजन अनेक बार किया गया. यह आरोप भाजपा के शहर मंत्री रमेश वानखेड़े ने लगाया है. इनके अनुसार दयानंद पार्क के सामने सड़क डामर की है. इसे भली-भांति खोद कर फिर सीमेंट सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया जाना चाहिए था,लेकिन ठेकेदार ने ऐसा नहीं किया और न ही सम्बंधित प्रशासन ने शिकायत मिलने के बाद इस ओर ध्यान देना मुनासिब समझा. इससे निम्न दर्जे की सड़क निर्माण होने की शंका से नाकारा नहीं जा सकता है. समय रहते अगर प्रशासन व ठेकेदार ने सुधार नहीं किया तो आंदोलन किया जाएगा.


आरोप लगानेवाले पर आरोप

आरोप लगानेवाले पर इस सड़क निर्माता के समर्थकों ने पलट वार करते हुए कहा है कि आरोप लगानेवाले खुद वर्षों से कई विवादों में घिरे हुए हैं. सरकारी टेलीफोन सेवा के अधिकारियों से मिलीभगत कर ‘पैरेलल लाइन’ वर्षों तक चलाया. मामले का पर्दाफाश होने पर जेल की हवा खा चुका है. वहीं से कमाई रकम से वाइन शॉप व पेट्रोल पंप ख़रीदा. पंप में गड़बड़ी करने के कारण २-३ माह से सील किया गया है. तो राष्ट्रीय महामार्ग किनारे वाइन शॉप होने से यह भी बंद है. इसके बावजूद भाजपा ने वानखेड़े को केंद्रीय टेलीफोन सेवा से सम्बंधित बड़ी समिति का सदस्य बनवा दिया. ऐसे में वानखेड़े बेवजह अवैध कमाई के मकसद से सड़क निर्माण के कार्य में बाधा डालना चाह रहे हैं. प्रशासन की नज़र में उक्त सीमेंट सड़क नियमानुसार तैयार हो रही है. कोई तकनिकी या अन्य दिक्कत पेश आने पर निर्माणकार्य के दौरान सुधार कर लिया जाएगा.