Published On : Fri, May 26th, 2023
By Nagpur Today Nagpur News

ओबीसी के कल्याण के लिए आवाज उठाने पर कांग्रेस नेताओं ने मुझे पार्टी से निकाल दिया.. -डॉ. आशीषराव र. देशमुख

Advertisement

24 मई 2023 को महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनुशासन समिति के अध्यक्ष श्री. पृथ्वीराज चव्हाण का कांग्रेस के डॉ. आशीषराव र. देशमुख (पूर्व विधायक, नागपुर, महाराष्ट्र) को एक पत्र मिला जिसमें कहा गया है कि उन्हें कांग्रेस पार्टी से निष्कासित किया जा रहा है। यदि श्री. राहुलजी गांधी के एक बयान से पूरे ओबीसी समुदाय का अपमान हो रहा है और उसे ठेस पहुँच रही है, तो कांग्रेस की भलाई के लिए राहुलजी को ओबीसी समुदाय से माफी मांगनी चाहिए और इस मामले को समाप्त कर देना चाहिए। ओबीसी समाज भारत की कुल आबादी का 54% है। ओबीसी समाज के दुखी होने से उसका विपरीत परिणाम मतदान के रूप में होगा, ऐसा उचित सुझाव देने पर डॉ. आशीषराव र. देशमुख को कांग्रेस पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। उस पर डॉ. आशीषराव और देशमुख ने अपनी प्रतिक्रिया दी।

डॉ. आशीषराव र. देशमुख ने कहा, “निष्कासन का फैसला पूरी तरह से गलत है। इस कार्रवाई से पता चलता है कि महाराष्ट्र कांग्रेस का नेतृत्व गलत लोगों के हाथों में है। ओबीसी के कल्याण के लिए आवाज उठाने के कारण मुझे कांग्रेस नेताओं ने पार्टी से निकाल दिया। मुझे उनके द्वारा कारण बताओ नोटिस दिया गया था। मैंने उसका विस्तृत उत्तर भी दिया था। महाराष्ट्र सहित देश भर के मीडिया ने मेरे उत्तर को विस्तार से प्रकाशित किया। इस उत्तर को बहोत ज्यादा प्रसिद्धी मिली क्योंकि इसमें कुछ तथ्य थे। हालाँकि, मेरा उत्तर संतोषजनक नहीं है, ऐसा कारण महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं बताकर मेरा निष्कासन किया। इसका मतलब है कि पार्टी से मेरा निष्कासन पहले से ही तय था और नोटिस बाद में दिया गया था। यही इसका अर्थ है। कांग्रेस ने देश की आजादी के लिए योगदान दिया। कांग्रेस के नेताओं ने लोकतंत्र और भारत की एकता के लिए बलिदान दिया। लेकिन महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेता स्वतंत्रता, लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं। जो उन्हें पसंद नहीं करते हैं, उन्हें खत्म कर देते हैं। क्योंकि मैं ओबीसी के मुद्दों पर आवाज उठा रहा हूं, महाराष्ट्र में कई नेता जो खुद को ओबीसी कहते हैं, वे कांग्रेस नेता मेरे इस मुद्दे पर परेशान हो रहे थे। इन दुकानदार नेताओं को लगता था कि पार्टी में आशीष देशमुख का कद बढ़ेगा तो उनका वजन घटेगा। उन्होंने अभी भी यह नहीं बताया है कि मेरा अपराध क्या है। मैंने सुझाव दिया कि राहुल गांधी को ओबीसी समुदाय से माफी मांगनी चाहिए। अगर कांग्रेस लोकतांत्रिक पार्टी है तो यह सुझाव लोकतांत्रिक है। महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेता यह साबित करने की फिराक में हैं कि उनकी पार्टी लोकतांत्रिक नहीं है।

Today’s Rate
Saturday 05 Oct. 2024
Gold 24 KT 76,100/-
Gold 22 KT 70,800/-
Silver / Kg 93,500/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

यह सच है कि मेरे पिता कांग्रेस में हैं। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री पद संभाला था। इसलिए मेरा उस पार्टी की ओर झुकाव होना स्वाभाविक था। लेकिन जब मैंने महसूस किया कि जो लोग अपना दिमाग और अंतरात्मा का इस्तेमाल करते हैं वे कांग्रेस में काम नहीं कर सकते हैं, तब मैंने पार्टी छोड़ दी। 2014 में बीजेपी से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। लेकिन, कांग्रेस में दिलचस्पी खत्म नहीं हुई थी। इसलिए मैं राहुल जी और सोनिया जी से बात करके वापस कांग्रेस में आ गया। मैं अकेला हूं जिसने कांग्रेस के लिए विधायक पद छोड़ दिया। मैंने पार्टी में लौटने पर उनसे कहा था कि मैं ओबीसी के लिए काम करना चाहता हूं और उन्होंने कहा कि आप कांग्रेस में रहकर ऐसा कर सकते हैं। लेकिन, महाराष्ट्र के नेताओं ने श्रेष्ठियों की भावनाओं का और यहां तक कि कांग्रेस पार्टी के भविष्य के लिए आवश्यक मुद्दों पर भी ध्यान नहीं दिया।

Advertisement

जब मैं कांग्रेस में लौटा, तो मुझे लगातार दरकिनार किया गया। कांग्रेस में ओबीसी समुदाय के स्थापित नेताओं की मानसिकता सवर्णों की तरह हो गई हैं। वे ओबीसी के वास्तविक मुद्दों से निपटने के बजाय ओबीसी के वोट के लिए अधिक चिंतित हैं। हालांकि, ओबीसी के लोगों ने कांग्रेस की इस महत्वाकांक्षा को पहचान लिया है। कभी कांग्रेस का आधार रहे ओबीसी वोटर कांग्रेस से दूर हो गए, जो कांग्रेस के पतन का मुख्य कारण है। हालांकि कांग्रेस नेता इससे कोई सबक लेने को तैयार नहीं हैं। मैं भविष्य में ओबीसी, किसानों और युवाओं के मुद्दों पर काम करना चाहता हूं। किस पार्टी से जुड़ना है, यह तय नहीं हो सका है। आने वाले समय में सबको पता चल जाएगा। मैं किसी नेता के पास गया था या कोई मेरे पास आया था, तो मैं उनके पक्ष में शामिल हो जाऊंगा यह तर्क करने में जल्दबाजी न करें। राजनीति से परे भी, ऐसे रिश्ते हैं जिन्हें जिन्दा करने की आवश्यकता है। राजनीति में एक दूसरे की आलोचना करके भी दोस्ती निभाने की पद्धत होती है। दुर्भाग्य से महाराष्ट्र में कांग्रेस नेताओं के बीच ऐसी कोई हमदर्दी नहीं है। उन्हें खुद की आलोचना पसंद नहीं है। अगर मैं ओबीसी के मुद्दों पर आवाज उठाता हूं तो उन्हें यह भी पसंद नहीं है। अगर मैं किसी बात को लोकतांत्रिक तरीके से उठाऊं तो भी उन्हें अच्छा नहीं लगता। संक्षेप में, वे आशीष देशमुख को पसंद ही नहीं करते। क्योंकि वे जानते हैं कि आशीष देशमुख ओबीसी के सच्चे प्रतिनिधि हैं और वे यह भी जानते हैं कि वह हमसे आगे निकल सकते हैं।

मुझे नहीं लगता कि इस कार्रवाई के खिलाफ दिल्ली में कांग्रेस नेताओं से अपील करने का कोई मतलब है। उन्हें भी महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं ने गुमराह किया है। यह दुख की बात है कि छह दशकों से अधिक समय तक इस देश पर ओबीसी समुदाय के समर्थन से शासन करने वाली कांग्रेस अब ओबीसी के प्रति कोई प्रतिबद्धता नहीं रखती है। कांग्रेस नेता एक ऐतिहासिक तथ्य भूल रहे हैं। राहुल गांधी पर हाल ही में ओबीसी समुदाय का अपमान करने का आरोप लगा है। मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने का प्रयास करने वाले तत्कालीन प्रधानमंत्री वी. पी. सिंह का राहुलजी के पिता राजीव गांधी ने विरोध किया था। यह 1990 के आसपास की घटना है। उसके बाद से कांग्रेस का ओबीसी जनाधार तेजी से गिरा। और आज उस कांग्रेस पार्टी की हालत दयनीय हो गई है। राहुलजी चाहते तो ओबीसी समुदाय से माफी मांगकर ताजा मुद्दे को खत्म कर सकते थे और पिताश्री द्वारा की गई ऐतिहासिक भूल को भी कुछ हद तक सुधारा जा सकता था। ओबीसी समुदाय के साथ नाता तोड़ना भारत की आत्मा के साथ नाता तोड़ने जैसा है। इसलिए कांग्रेस की अधोगति जारी है। मुझे लगा कि कांग्रेस को अपने मूल जनाधार से फिर से संबंध स्थापित करने चाहिए। इसलिए अगर मैंने राहुल जी को ओबीसी से माफी मांगने का सुझाव दिया तो मुझे ही पार्टी से निकाल दिया गया। ओबीसी समुदाय से नाता टूटने से कांग्रेस की सत्ता पर ग्रहण लग गया। तब से स्थिति इस हद तक बदल गई है कि मुश्किल से केंद्र और कई राज्यों में कांग्रेस की थोड़ी बहुत विपक्ष के रूप में मौजूदगी रह गई है। क्योंकि अब कांग्रेस की जगह क्षेत्रीय दलों ने ले ली है।“