Published On : Wed, Nov 30th, 2022

बंटी शेल्के ने दिया विवादित, सनसनीखेज बयान

* मनपा आयुक्त को कहा फडणवीस का कुत्ता
सरकार-प्रशासन की कड़ी आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट की वीडियो

नागपुर: हाल ही में कांग्रेस नेता बंटी शेल्के ने फेसबुक पर एक सनसनीखेज वीडियो पोस्ट की जिसमें वे नागरिकों से विविध मुद्दों पर चर्चा करते हुए नजर आए। वीडियो में उन्होंने केंद्र तथा राज्य सरकार में भाजपा नेताओं, उप मंमुख्यत्री देवेंद्र फडणवीस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मनपा अधिकारियों की कड़ी आलोचना की।

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मनपा प्रशासन पर निशाना साधते हुए शेल्के ने कहा कि यह प्रशासन के अधिकारी गण निष्क्रीय हैं और राज्य सरकार के हाथ में कठपुतली की तरह हैं। विशेषतः उन्होंने आयुक्त राधाकृष्णन बी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वे फडणवीस एवं राज्य सरकार के पालतू कुत्ते की तरह ही हैं। नागरिकों की कड़ी मेहनत से कमाए गए पैसे से सरकार टैक्स वसूल रही है, इस पैसे से सरकार सड़कें बना रही है, कई मामलों में सड़कें दोबारा तोड़कर बनाई जा रही हैं, क्या यह जनता के खून पसीने से कमाए हुए पैसे की बर्बादी नहीं है, इस आशय के विचार उन्होंने व्यक्त किए।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पुत्र जय अमित शाह की संपत्ति में भारी बढ़ोतरी का जिक्र करते हुए उन्होंने राज्य एवं केंद्र सरकार में भाजपा नेताओं द्वारा अपने पदों का दुरुपयोग खुद की एवं परिजनों की तरक्की के लिए किए जाने की बात की ओर नागरिकों का ध्यान आकर्षित किया। सूत्रों के मुताबिक केवल एक साल में उनकी संपत्ति 50 हजार रुपए से बढ़कर 80 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि इससे जनता के मेहनत के पैसे की केवल बर्बादी होती है और सरकार आम नागरिकों और किसानों के उत्थान के बजाय अदानी और अंबानी जैसे चंद उद्योगपतियों को और भी अमीर बनाने में जुटी हुई है। दूसरी ओर आम नागरिक दो वक्त की रोटी और मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रहता है।

नागरिकों से वार्तालाप के दौरान शेल्के ने विविध मुद्दों पर उनकी प्रतिक्रिया ली और इस बात पर प्रकाश पड़ा कि संबंधित इलाके में पाइपलाइन की जरूरत अधिक थी। लेकिन फिर भी सरकार और स्थानीय प्रशासन ने सीमेंट रोड पर भारी पैमाने पर फिजूल पैसे खर्च किए। इसके चलते नागरिकों में आक्रोश है। शेल्के एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ‘नागपुरवासियों के मेहनत का टैक्स, भाजपा नेता करते हैं रिलैक्स’ नारा लगाकर सरकार-प्रशासन की लापरवाही की ओर स्थानीय नागरिकों का ध्यान आकर्षित किया और केंद्र तथा राज्य सरकार की तीव्र आलोचना की।

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