Published On : Mon, Apr 6th, 2015

यवतमाल : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर शिकायत

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कुए में 5 लोगों की दम घुटने से मौत का मामला

Death in well
यवतमाल। तहसील कारेगाव वडगाव में 31 मार्च की दोपहर पानी आपूर्ति करनेवाले कुए के अंदर का किचड़ निकालने के लिए सरकार दिए दिशानिर्देश एवं अधिकारियों की लापरवाही से निष्पाप पाच मजदूरों की कुए में दम घुटने से मौत होने की घटना घटी. इस मामले में जिम्मेदार निश्चित करने के लिए दोषियों पर मनुष्यवध का गुनाह दर्ज कर इस घटना में दम घुटने से गणेश राजेश्वर नंदूरकर (24), विजय पुरुषोत्तम नंदूरकर (45), शंकर रमेश जोगी (28), आशीष उर्फ पिंटू तुकाराम मडावी (28), भुपेश कवडू कुडमेथे (32) के परिवारों को 20 लाख रुपए और इन पाच को बचाने के लिए कुए में उतरकर गंभीर घायल रामू देवराव बावणे (30) एवं प्रफुल हिवरकर (22) इन मजदूरों को 10 लाख रुपए सहायता देने की मांग और इस प्रकार फिर से कोई घटना न घटे इसके लिए संपूर्ण मामले विदर्भ जनआंदोलन समिति ने एक याचिका राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर सौंपी है. यह संपूर्ण मामला गंभीर होने से इस घटना में निष्पाप आदिवासी एवं गरीब पिछड़ावर्गीय मजदूरों का समावेश है. इस घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने तत्काल रालेगाव तहसील के कारेगाव वडगाव में भेट देने की मांग विदर्भ जनआंदोलन समिति के किसान नेता किशोर तिवारी ने की है.

इस याचिका में 31 मार्च की भरी दोपहर वर्धा नदी के पात्र के सार्वजनिक कुए में पिछले कई दिनों से किचड़ जमा होने से ग्राम सेविका ने गाव के गणेश नंदूरकर, शंकर जोगी को कुए का किचड़ साफ करने का काम सौंपा था. 31 मार्च को मजदूरों ने कुए का किचड़ निकालने के लिए कुए का पानी निकालने के लिए आईल इंजीन लगाया था. इस कुए आधा मुंह सिमेंट के छत से ढका हुआ था. जिससे कुए के अंदर ऑक्सीजन कमी ऐसे समय मजदूर कुए के अंदर का किचड़ निकालने का काम कम रहें थे. अचानक इस इंंजिन का धुआ कुए के कॉर्बनडाय ऑस्काईड फैल जाने से इन मजदूरों का ऑस्कीजन के अभाव से दम घुटने से चिल्लाने के पश्चात भी उनकी आवाज सुनने के पश्चात उन्हें बचाने के लिए उतरे विजय नंदूरकर, भुपेश कुडमेथे, ग्रा. पं. चपराशी आशीष मडावी कुए में उतरे. लेकिन वहां पर निर्माण वैषेली धुअ से बचाने गए इन तीनों को भी चपेट में ले लिया. इन पाचों को निकालने के लिए रामू देवराव बावणे (30) एवं प्रफुल हिवरकर (22) भी कुए में उतरे लेकिन उन्हें कुए के बाहर निकाला तब वह गंभीर अवस्था में थे. उन्हें उपचार के लिए सेवाग्राम अस्पताल में दाखिल किया गया. उनपर उपचार शुरू है.

कारेगाव ग्रा.पं. उपसरपंच अनिल नंदूरकर का विजय नंदूरकर यह चचेरा भाई तो गणेश नंदूरकर भतिजा है. गणेश यह किचड़ निकालनेवाले मजदूरों के साथ काम कर रहा था तो विजय तिनों को बचाने के  प्रयास में उसकी भी मौत हो गई. उसके पिछे पत्नी नंदा (40), विशाल (19), वृषभ (15) यह दो बच्चे है. घर का एकलौते कमानेवाला था. इस घटना से नंदूरकर परिवार पर दुखो: का पहाड़ टूट पड़ा है. ग्रामपंचायत का सिपाही आशीष मडावी यह कुए में अटके मजदूरों को बचाने के प्रयास में उसकी दमघुटने से मृत्यु हो गई. पिता तुकाराम (60), माता गिरीजाबाई (54), पत्नी दुर्गा (24) आशिष की मृत्यु से निराधार हो गए.

इस घटना में मृत गणेश नंदूरकर के बहन का विवाह 28 अप्रैल को तय है. लेकिन भाई के चले जाने से इस परिवार पर मुसिबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. भूमीहीन परिवार में पिता राजेश्वर (50) , माता मंदा (45) बेटे के चले जाने से बेसहारा हो गए है. जिला परषद के सीईओ डा. डॉ. मल्लीनाथ कलशेट्टी ने कुछ दिनों में सार्वजनिक कुए का किचड़ निकालने के संदर्भ में सुरक्षितता ध्यान में लेकर नये से दिशानिर्देश जारी किए है. लेकिन गतवर्ष भी कलंब में कुए में किचड निकालने के मामले में जनरेटर का इस्तेमाल किया गया था. इस दुर्घटना में जनरेटर के धुए से मजदूरों की मौत हो गई थी. इस घटना के तहत प्रशासन ने सबक लेते हुए दिशानिर्देश दिए थे, लेकिन मजदूरों को मार्गदर्शन करने के लिए किसी भी पदाधिकारी एवं कर्मचारी इस जगह पर उपस्थित नहीं रहने से निष्पाप मजदूरों को अपनी जान गवानी पड़ी. फिर भी इस मामले में किसी प्रकार की पुलिस कार्रवाई नहीं की गई. जिम्मेदार अधिकारी खुले में घुम रहें है. आदिवासी एवं पिछड़ावर्गीय मजदूरों की जान लेनेवाले जिम्मेदारों को सजा होने के लिए मानवाधिकार आयोग की ओर याचिका देने की जानकारी विजस नेता किशोर  तिवारी ने दी है.