Published On : Mon, Jun 22nd, 2020

प्रतियोगिता में मुकाबले के लिए कोल इंडिया आश्वस्त

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निजी कम्पनियों के लिए कोयला सेक्टर में व्यावसायिक खनन को अनुमति देने के बावजूद,राष्ट्र की अग्रणी कोयला उत्पादक कम्पनी, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) उद्योग में अपना वर्चस्व कायम रखने के प्रति आश्वस्त है.

सीआइएल के अध्यक्ष श्री प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि “व्यावसायिक कोयला-खनन से कम्पनी के उत्पादन या लाभप्रदता पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा. कोयले की गुणवत्ता में एकरूपता,उत्पादन-लागत में कमी तथा समयबद्धता प्रतियोगिता में आगे रहने के लिए सहायक होंगे.उच्च श्रेणी की मेकेनाइज्ड माइनिंग और आपूर्ति में वृद्धि हमारी प्राथमिकता होगी.”

व्यावसायिक खनन में निजी उद्योजकों के आने से कोल इंडिया की भूमिका कम होने की आशंका को दरकिनार करते हुए कम्पनी के अधिकारी ने कहा कि ” व्यावसायिक खनन देश के घरेलू कोयला- उत्पादन की कमी को दूर करने में हमारी कोशिश में सहायक होगा,इसे कोल इंडिया के प्रतियोगी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिये.यह हमें अस्थिर नहीं करेगा.”

देश के कुल कोयला-संसाधन 319 बिलियन टन का करीब 54% कोल इंडिया के पास है.कुछ महीने पूर्व, सरकार द्वारा इस सरकारी महारत्न कम्पनी को 16 कोयला-ब्लॉक्स के आबंटन से इसकी संसाधन-क्षमता में करीब 9 बिलियन टन से 172 बिलियन टन की वृद्धि होगी.इनमें से वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड तथा भारत कोकिंग कोल लिमिटेड को पांच-पांच,जबकि ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड को तीन तथा सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड को दो तथा महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड को एक कोयला-ब्लॉक मिले हैं. व्यावसायिक-खनन की नीलामी हेतु इन 41 कोल-ब्लॉक्स में,कोल इंडिया का एक भी ब्लॉक नहीं है.

आसन्न प्रतियोगिता से कई वर्ष पहले से ही कोल इंडिया उत्पादन-लागत में कमी और कोयले की गुणवत्ता पर जोर दे रहा है. प्रतियोगी माहौल में ये दो तत्व कोयले की बिक्री का निर्धारण करेंगे.