नागपुर: हाल ही में अभिव्यक्ति की आजादी पर लगातार चर्चा हो रही है. वह होनी भी चाहिए. चर्चा और वाद भी होना चाहिए. उसमें से ही विचारों का मंथन होता है. इस देश के खून में सहिष्णुता है. दुनिया में भारत जैसा सहिष्णु देश दूसरा नहीं है. कई आक्रमणों को हमने सहन किया है. इस देश में 1975 में अभिव्यक्ति स्वतंत्रता पर हमला हुआ था. आज सभी को अभिव्यक्ति की आजादी है. यह कहना है राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का. वे रेशमबाग में आयोजित 99वें अखिल भारतीय मराठी नाट्य सम्मेलन के दूसरे दिन बोल रहे थे.
इस दौरान उन्होंने कहा कि केवल नक्सलवादी सामग्री अगर किसी के पास से मिली तो कार्रवाई नहीं की जाएगी. लेकिन अगर देशद्रोह के इरादे से अगर यह किया जाएगा तो निश्चित कार्रवाई होगी. उन्होंने नाट्य सम्मेलन का आयोजन करने के लिए आयोजको को धन्यवाद् भी दिया . उन्होंने 100वां नाट्य सम्मेलन नागपुर में करने का भी उन्होंने निवेदन आयोजकों से किया.
इस दौरान मौजूद केंद्रीय सामाजिक न्यायराज्यमंत्री रामदास आठवले ने कहा कि पुलवामा में हुए हमले के लिए हमारी स्वतंत्र बटालियन बनाने की बात भी उन्होंने इस दौरान कही. उन्होंने कहा कि हम में वैचारिक मतभेद भले ही हो लेकिन हम देश के मुद्दे पर एक है. उन्होंने कहा कि कॉलेज के दिनों में उन्होंने भी एक नाटक में भाग लिया था.
इस समय मौजूद गिरीश गांधी ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी हमारा साथ न देते तो यह सम्मेलन का आयोजन संभव नहीं होता. उन्होंने कहा कि रामदास आठवले उनके पुराने मित्र है. उन्होंने इस सम्मेलन में आने की हामी भरी. दौरान उन्होंने दोनों का धन्यवाद किया.
कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रेमानदं गजवी है. इस दौरान नाटक और नृत्य भी किया गया. इस समय कीर्ति शिलेदार, नाट्य परिषद् के अध्यक्ष प्रसाद कांबली, प्रफुल फरकसे समेत अभिनेत्री अलका कुबल और अन्य कलाकार और नाट्य कलाकार इस कार्यक्रम में मौजूद थे. बड़ी तादाद में दर्शक भी यहां मौजूद थे.
– Pics By Rajesh Bansod