Published On : Fri, Sep 8th, 2017

भांडेवाड़ी के कचरे से नागरिकों का जीना हुआ मुश्किल, प्रशासन बना मूकदर्शक

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नागपुर:
भांडेवाडी कचरा डेपो में पिछले कई वर्षों से पर्यावरण सरंक्षण कानून की धज्जियां अधिकारियों की ओर से उड़ाई जा रही हैं. कचरा नष्ट करने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है. रोजाना इस जगह 1 हजार से लेकर 1200 मेट्रिक टन कचरा जमा किया जाता है. जिसमें से करीब 10 टन कचरे की भी रीसाइक्लिंग नहीं की जाती है. इसी कारण करीब 70 एकर शहर के सीमा के अंतर्गत जमीनी क्षेत्र में शहर के कचरे का पहाड़ जैसा ढेर जमा हो चुका है. जिसके कारण आस पास के परिसर में रहनेवाले नागरिकों को बीमारियां होने का खतरा बढ़ गया है.

नागरिकों को टीबी, डेंगू, अस्थमा, कैंसर, स्वाइनफ्लू और डायरिया जैसी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. इस परिसर की इन गंभीर परिस्थितिओं को लेकर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से जिल्हाधिकारी सचिन कुर्वे को निवेदन सौंपा गया. जिसमें जिल्हाधिकारी ने गणपति के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

इस बारे में आप के अधिवक्ता सी.एच. शर्मा ने बताया कि जिल्हाधिकारी ने कार्रवाई करने का भले ही आश्वासन दिया हो लेकिन गैरकानूनी कचरा डेपो के लिए जिम्मेदार अधिकारी और पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने का किसी भी प्रकार से आश्वासन नहीं दिया है. उन्होंने बताया कि यह निवेदन मुंबई के पर्यावरण विभाग के सचिव को भी दिया जाएगा.

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सभी कार्यकर्ताओं ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर एक महीने के भीतर कचरा डेपो भांडेवाडी से नहीं हटाया गया तो स्थानीय नागरिकों के साथ तीव्र आंदोलन किया जाएगा. इस दौरान अंसार शेख, संजय शाहकर, वीरेंद्र उपाध्याय, कुंदन भीमटे, प्रकाश तायडे, रवींद्र घिदोडे, राजेश तिवारी, शिल्पा सहारे, एडवोकेट अरविन्द वाघमारे, हनीफ शेख, कैलाश कावला, मनोज जैन मौजूद थे.

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