– चुनाव आयोग की ख़ामोशी उनके कार्यप्रणाली पर उठा रही सवाल
– ऊर्जामंत्री के विरोध में लड़े सभी उम्मीदवारों की चुप्पी समझ से परे
नागपुर: नागपुर जिला के सावनेर विधानसभा क्षेत्र के एनसीपी अध्यक्ष किशोर चौधरी ने सवाल खड़ा किया की, ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने वर्ष २००९ में विधानसभा चुनाव लड़ने हेतु जो प्रतिज्ञापत्र पेश किया था और उसके बाद वर्ष २०१४ में प्रस्तुत प्रतिज्ञापत्र में दिखाई गई आय-आमदनी में जमीन-आसमान का अंतर आम नागरिक को दिख रहा, वही इस ओर न चुनाव आयोग ने जाँच पड़ताल कर सवाल-जवाब किया और न ही कोई कानूनन कार्रवाई की. क्या यही “पीएम जी ” के अच्छे दिन है जिसका सपना आम जनता को दिखा-दिखा कर सत्ता में आए.
चौधरी के अनुसार नागपुर जिले के पालकमंत्री व राज्य के ऊर्जामंत्री एवं भाजपा के ऊर्जावान मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के सन्दर्भ में प्रस्तुत कागजातों के आधार पर वर्ष २००९ में विधानसभा चुनाव के लिए जो प्रतिज्ञापत्र बावनकुले ने पेश किये थे,उसके अनुसार बावनकुले परिवार ( खुद, पत्नी, पुत्री,पुत्र) की कुल सम्पति (मालमत्ता) व उत्पन्न मात्र ६० लाख रूपए दर्शाई गई थी.
फिर ५ साल बाद वर्ष २०१४ में बावनकुले ने पुनः चुनाव लड़ने हेतु जो प्रतिज्ञापत्र पेश किये उसमें परिवार की आय व संपत्ति ६ करोड़ ९४ लाख ६९ हज़ार रूपए दर्शाये।
जबकि वर्ष १९९६ में बावनकुले ने नागपुर के पुनर्वसन अधिकारी को लिखित रूप से निवेदन कर यह दर्शाया था कि वे कोराडी विद्युत प्रकल्पग्रस्त है,उन्हें भूखंड दिया जाये। वे शादी कर लिए है, इसलिए परिवार से अलग रह रहे है.
उक्त दोनों चुनावों के प्रतिज्ञापत्रो में बावनकुले बच्चो के नाम संपत्ति दर्शाई उसका हिसाब संदेहास्पद है.
चौधरी ने राज्य व केंद्रीय चुनाव आयोग से मांग की है कि बावनकुले द्वारा चुनाव के दौरान प्रस्तुत उक्त दोनों प्रतिज्ञापत्रों की स्वतंत्र अधिकारी से जाँच कर दूध का दूध और पानी का पानी करे. समय रहते अगर इस मामले का निराकरण नहीं किया गया तो न्यायलय की शरण में जाना हमारा अंतिम पर्याय होगा।
सबसे मजेदार बात यह है कि बावनकुले के विरोध में दोनों चुनाव में लड़े सभी विपक्षी उम्मीदवारों को बावनकुले द्वारा प्रस्तुत प्रतिज्ञापत्र की खामियां मालूम होते हुए भी चुप्पी समझ से परे है. यह भी उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग की नज़र से बावनकुले अबतक किस बिना पर निर्दोष विचरण कर रहें है.
उधर बावनकुले के दर्जनों निजी सहायकों में से अतिमहत्वकांक्षी सहायक का कहना है कि कुछ भी कर लो बावनकुले का बाल भी बांका न चुनाव आयोग,न न्यायालय और न ही भाजपा नेतृत्व कर सकता है।
– राजीव रंजन कुशवाहा