Published On : Wed, Feb 28th, 2018

बीएसएनएल ठेकेदार आनंद बावरिया को न्याय दिलाने निकला कैंडल मार्च


नागपुर:  बकाए बिल के भुगतान को लेकर हो रही देरी से परेशान सरकारी टेलीकॉम कंपनी के ठेकेदार आनंद रमेश बावरिया ने आत्महत्या कर ली थी। इस घटना के विरोध में बुधवार को बीएसएनएल से जुड़े ठेकेदारों और आनंद के परिजनों ने कैंडल मार्च निकालकर दोषियों को सज़ा देने की माँग की। संविधान चौक के बीएसएनएल कार्यालय तक निकाले गए कैंडल मार्च में आनंद के लिए न्याय की गुहार लगाई गई। मार्च में शामिल आनंद के बड़े भाई अमित बावरिया ने बीएसएनएल के अधिकारियो को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया। अमित के मुताबिक आनंद ने आत्महत्या करने से पहले सुसाईड नोट के साथ एक विडिओ मैसेज बनाया था। जिसमें उसने नाम लेकर बताया की उसकी मौत के लिए कौन जिम्मेदार है। सुसाईड नोट और आनंद का मोबाईल पुलिस के पास है बावजूद इसके आरोपियों को गिरफ़्तार करने में आनाकानी की जा रही है।

शहर के बजरिया इलाक़े में रहने वाले बावरिया परिवार ने वर्ष 2010 से टेलीफ़ोन की फ़ाइबर लाइन सप्लाई व्यापार को शुरू किया था। आनंद इंफ्राटेक प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के माध्यम से बावरिया परिवार अपना व्यापार कर रहा था। वर्ष 2014 में कंपनी को बीएसएनएल के नागपुर कार्यालय से ऑप्टिकल केबल लाइन का ठेका मिला था। काम शुरू ही था की इसी बीच काम बंद करने का आदेश बीएसएनएल द्वारा कंपनी को मिला। नियम के मुताबिक कॉन्ट्रेक्ट का 20 फ़ीसदी काम होने के बाद बिल का भुगतान किया जाना अनिवार्य है लेकिन बीएसएनएल के अधिकारी कंपनी द्वारा जमा बिल का भुगतान करने में लेटलतीफी कर रहे थे। वर्ष 2015 में आनंद ने भुगतान के लिए बीएसएनएल में लगभग 90 लाख रूपए का बिल जमा कराया था। आनंद ने जिन लोगो के माध्यम से काम किया वो उसे अपनी पेमेंट हासिल करने के लिए दबाव बना रहे थे। जिससे वह भारी मानसिक तनाव के दौर से गुजर रहा था। आत्महत्या करने से पहले आनंद एक महीने से नागपुर में ही था इस दौरान उसने कई बार अधिकारियो के चक्कर लगाए। लेकिन जब उसे पैसे मिलने की संभावना नदारद दिखी तो उसने बीते शुक्रवार रात साढ़े तीन बजे बीएसएनएल के कार्यालय के बाहर आत्महत्या कर ली।


पेमेंट मिली नहीं लेकिन अधिकारियों की डिमांड अपने खर्चे से पूरी की
अमित के मुताबिक सरकारी विभाग में बिना लेनदेन के कोई काम नहीं होता। इसका अनुभव आनंद के साथ भी हुआ। ठेका मिलने के बाद उससे अधिकारी लगातार रिश्वत की माँग कर रहे थे। अपना काम सुचारु रूप से चलता रहे इसलिए जब जब उससे पैसे की डिमांड की गई उसने उसकी पूर्ति अपने जेब से की पैसे लेने वाले अधिकारी पेमेंट के भुगतान में दिक्कत न आने देने का आश्वाशन देते रहे लेकिन जिन्होंने पैसे लिए उन्होंने ही धोखा दे दिया। आनंद ने आत्महत्या नहीं की यह सरकारी तंत्र द्वारा की गई साजिशन हत्या है जिसकी सज़ा मिलनी चाहिए।

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पांच अधिकारियो पर मामला दर्ज लेकिन अब तक गिरफ़्तारी नहीं
आनंद की आत्महत्या का मामला सामने आने के बाद उसके भाई अमित की शिकायत पर बीएसएनएल की जीएम नम्रता तिवारी,डिविजनल इंजिनियर डी पी वासनिक,टेलीकॉम इंजिनियर अमित कुमार थोटे और ऑप्टिकल फायबर केबल विभाग प्रमुख डी गोडे के साथ ठेकेदार ब्रिजेश त्रिपाठी के ख़िलाफ़ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। लेकिन इनमे से किसी की भी गिरफ़्तारी अब तक नहीं हो पायी है। दोषियों के नाम आनंद ने अपने विडिओ मैसेज में भी लिया है।

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