नागपुर – चंद्रपुर जिले के विसापुर स्थित एसएबीवी बॉटनिकल गार्डन में 0.8 मेगावाट के सौर ऊर्जा सिस्टम की स्थापना के लिए शुरू की गई टेंडर प्रक्रिया को बीच में बदलकर ठाणे की एक कंपनी को काम सौंपे जाने पर समृद्धि इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स कंपनी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उपवन संरक्षक और इउर्जा इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी को नोटिस जारी कर 25 जून तक जवाब देने का आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता के अनुसार, उपवन संरक्षक की ओर से ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस योजना के तहत 20 वर्षों के लिए RESCO मॉडल में सौर फोटोवोल्टिक सिस्टम स्थापित करने हेतु निविदा आमंत्रित की गई थी। प्रक्रिया के तहत समृद्धि इन्फ्रा को 16 अप्रैल 2025 को चर्चा के लिए बुलाया गया, जिसके बाद कंपनी ने औपचारिक आवंटन पत्र की मांग की। लेकिन इस बीच एक नई निविदा जारी कर दी गई और काम किसी अन्य कंपनी को सौंप दिया गया।
ब्लैकलिस्टेड कंपनी को ठेका देने का आरोप
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि जिस कंपनी (इउर्जा इन्फ्रास्ट्रक्चर) को सफल बोलीदाता घोषित किया गया है, वह महाराष्ट्र ऊर्जा विकास अभिकरण (MEDA) द्वारा 16 अक्टूबर 2023 को काली सूची में डाली गई थी। इसके बावजूद उसे अनुबंध दिया गया, जो प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
कोर्ट ने दोनों प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट किया कि यदि उपवन संरक्षक किसी भी स्थिति में उक्त कंपनी को कार्यादेश जारी करना चाहते हैं, तो ब्लैकलिस्टिंग के आदेश को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।