Published On : Fri, Jul 7th, 2017

GST की वजह से विज्ञापन सेक्टर के व्यापार में मंदी

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नागपुर:
देश भर में लागू हो चुकी एकीकृत कर प्रणाली जीएसटी की पद्धति को अब तक समझा जा रहा है। कर संकलन की इस नई व्यवस्था की वजह से शुरुवाती दौर में कई सेक्टर पर असर पड़ा है। बाजार अब तक जीएसटी को पूरी तरह अपना नहीं पाया है जिसका प्रमुख कारण बाज़ार में कई तरह की आशंकाएं है। जीएसटी का बड़ा असर विज्ञापन के क्षेत्र में भी हुआ है। बड़े महानगरों में ब्रांड की ऑउटडोर मार्केटिंग के लिए होर्डिंग सहारा कॉर्पोरेट सेक्टर लेता है लेकिन जीएसटी के लागू हो जाने के बाद से विज्ञापन के क्षेत्र में भी भारी मंदी देखी जा रही है।

नागपुर में ऑउटडोर मार्केटिंग का 10 करोड़ रूपए से ज्यादा का बाज़ार है। बावजूद इसके शहर में कई जगहों पर होर्डिंग खाली ही नज़र आ रही है। जानकारों की माने तो इसकी प्रमुख वज़ह जीएसटी लागू होने के बाद से ही कंपनिया विज्ञापन के लिए बनाएं गए अपने बजट का नए सिरे से अध्ययन कर रही है। प्रोडक्ट्स पर जीएसटी लगने के बाद उसके कॉस्ट की फिर से एनालिसिस किया जा रहा है जिस वजह से कंपनिया जल्द अपने प्रोडेक्ट्स के विज्ञापन से कतरा रही है।

सिर्फ़ ऑउटडोर मार्केटिंग ही नहीं बल्कि टेलीविजन और अखबारों के माध्यम से ही होने वाले विज्ञापन के बाज़ार में कमी आयी है। नागपुर में विज्ञापन के लिए सेवा प्रदान करने वाली कंपनी साक्षी कम्यूनिकेशन के मयूर राठी के मुताबिक जीएसटी की वजह से उनके व्यापार में करीब 60 फ़ीसदी की कमी आयी है। पहले ऑउटडोर मार्केटिंग पर 15 फ़ीसदी सर्विस टेक्स लगता था अब उसके स्थान पर 18 फ़ीसदी जीएसटी वसूला जायेगा। अखबारों में विज्ञापन पहले कर के दायरे से मुक्त था लेकिन अब उस पर भी 5 % जीएसटी का प्रावधान है जिस वजह से अब कॉस्ट में सीधे सीधे बढ़ोतरी हो जाएगी इसका असर विज्ञापन करने वाले की जेब पर पड़ेगा।

वही ऑउटडोर मार्केटिंग के लिए देश भर की जानीमानी कंपनी साइनपोस्ट के नागपुर में पार्टनर राजेश बत्रा विज्ञापन के बाज़ार में शुरू मंदी का एक कारण जीएसटी को तो मान रहे है लेकिन उनका यह भी कहना है कि आम तौर पर इस सीजन में इसमें कमी होती ही है। बत्रा के मुताबिक जीएसटी का इस सेक्टर पर कितना और कैसा असर होता है इसके लिए अभी तीन महीनों तक कम से कम इंतज़ार करना होगा।

गौरतलब हो की ऑउटडोर मार्केटिंग के लिए कंपनिया भारी क़ीमत अदा करती है वही इस सेवा को प्रदान करने वाली एजेंसिया भी भारी भरकम किराया अदा कर साल भर के लिए जग़ह खरीदती है। शहर में ऑउटडोर विज्ञापन के लिए होर्डिंग लगाने का किराया लाखों में है ऐसे में जो लोग इस क्षेत्र से जुड़े हुए है उन्हें जीएसटी के शुरुवाती और पर नुकसान सहना पड़ रहा है।