Published On : Thu, Sep 16th, 2021

सदर में किताबों की प्रदर्शनी का आयोजन

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-पाठकों ने दिया अच्छा प्रतिसाद

नागपुर: पढ़ने की परंपरा को लेकर हाल ही में काफी नकारात्मक आलोचना हुई है। लेकिन जब तक पुस्तक प्रदर्शनी जैसी गतिविधियां शुरू रहेंगी, पाठकों की पढ़ने की भूख को संतुष्ट करने का कार्य बदस्तूर जारी रहेगा। वास्तव में पुस्तक प्रदर्शनी प्रकाशकों और पाठकों के बीच एक समृद्ध कड़ी है, पार्षद मनोज सांगोले ने कहा।

सी.एन.आई और अभिषेक बुक सेंटर द्वारा सोशल सर्विसेज इंस्टीट्यूट के आई.एस.आई हॉल, सदर में आयोजित एक भव्य पुस्तक प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर सांगोले भाषण दे रहे थे। मंच पर अभिषेक बुक सेंटर के शशि राय व दिनेश मंडल उपस्थित थे।

मनोज सांगोले ने आगे कहा कि मौजूदा हालत में ज्ञान का मूल्य घट रहा है। अतः पुस्तक प्रदर्शनी जैसी गतिविधियों को लागू करने का समय आ गया है। पुस्तक प्रदर्शनी वह कड़ी है जो लेखकों, प्रकाशकों, विक्रेताओं और पाठकों को जोड़ती है।

इस प्रदर्शनी में विभिन्न विषय, जैसे खेल, धर्म, स्वास्थ्य, पर्यटन, विज्ञान, वास्तुकला, आध्यात्मिकता और बाल साहित्य की मराठी और अंग्रेजी भाषा में पुस्तकें प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। यह प्रदर्शनी हर रोज़ सुबह 10 बजे से लेकर रात के 9 बजे खुली रहेगी। 15 अक्टूबर को प्रदर्शनी का समापन होगा। जनता के लिए यह प्रदर्शनी नि:शुल्क है।

मौजूदा हालात में पढ़ने की संस्कृति को संरक्षित कर​ रहे हैं प्रकाशक:
अभिषेक बुक सेंटर के शशि रॉय ने कहा कि प्रकाशन व्यवसाय में अनिश्चितता और अस्पष्टता के बावजूद, प्रकाशक विभिन्न प्रकार के साहित्य को जोखिम में डालकर संस्कृति को संरक्षित करने के लिए काम कर रहे हैं। प्रकाशकों को सांस्कृतिक संदेशवाहक के रूप में संदर्भित करना अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि एकमात्र प्रकाशक ही हैं जो लेखक के लेखन के साथ न्याय करते हैं। आज उद्घाटन की गई प्रदर्शनी ज्ञानभाषा अंग्रेजी और मायाभाषा मराठी के बीच एक संवाद है। पढ़ने की संस्कृति कम नहीं हुई है, लेकिन इसकी प्रकृति बदल गई है। नए लेखक एक अभिनव विषय पर लिख रहे हैं और इसे प्रकाशकों और पाठकों का भरपूर स्वागत मिल रहा है। इस तरह की प्रदर्शनियां लिखने और पढ़ने की संस्कृति का समर्थन कर रही हैं। अभिषेक बुक सेंटर के दिनेश मंडल ने भी संक्षेप में अपने विचार रखे।