मुंबई: महाराष्ट्र में बुधवार सुबह से शुरू हुए आरक्षण की मांग से जुड़े आंदोलन के हिंसक होने के बाद मराठा क्रांति मोर्चा ने इसे वापस लेने का फैसला किया है। वहीं सीएम देंवेंद्र फडणवीस ने भी कहा है कि सरकार मराठा समुदाय से बात करने को तैयार है। आंदोलन को लेकर बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। सीएम के बयान पर कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा है कि शिवसेना और बीजेपी इसका राजनीतिक फायदा उठाकर जनता से उनके पक्ष में वोट करने को कह रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी को इस आंदोलन से राजनीतिक फायदा मिलेगा ऐसे आरोप झूठे हैं और इसका सवाल ही नहीं उठता। चव्हाण ने कहा, ‘आंदोलन से हम राजनीतिक लाभ लें, यह सवाल ही नहीं उठता। आप कब तक चर्चाओं के नाम पर लोगों को धोखा देंगे? बीजेपी और शिवसेना लोगों को उनके पक्ष में वोट देने के लिए बोलकर राजनीतिक लाभ ले रहे हैं और आंदोलन इसमें उनकी मदद करेगा।’
इस बीच मराठा आरक्षण के मुद्दे पर शिवसेना विधायक हर्षवर्धन जाधव ने विधानसभा स्पीकर को अपना इस्तीफा मेल किया है। हर्षवर्धन औरंगाबाद के कन्नाड से विधायक हैं और इस्तीफे की प्रति स्पीकर को सौंपने के लिए मुंबई गए हैं। आंदोलन वापस लेने के बावजूद भी कई जगह जुटी भीड़ अब तक हटाई नहीं जा सकी है। कालमबोली में मुंबई-पुणे हाईवे जाम कर रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े। राज्य भर में कई जगह लाठीचार्ज किया गया।
हिंसक आंदोलन के बीच दो प्रदर्शनकारियों की मौत और राज्य संपत्ति को नुकसान के बाद सरकार ने मराठा समुदाय से बात करना स्वीकार किया है। ठाणे और वसी के बीच ट्रांस हार्बर लाइन पर आंदोलन के चलते रोकी गई ट्रेन सेवा को फिर से शुरू कर दिया गया है साथ ही बाकी व्यवस्थाएं भी पटरी पर लाने की तैयारी की जा रही है। औरंगाबाद में एक प्रदर्शनकारी की आत्महत्या के बाद इंटरनेट सेवा भी बंद की गई है। बता दें, मराठा समुदाय की मुख्य मांग सरकारी नौकरियों और शिक्षा में समुदाय के लिए आरक्षण है।