Published On : Sat, Sep 16th, 2023
By Nagpur Today Nagpur News

बड़ा सवाल : क्या गौमाता की रक्षा जरूरी नहीं?

गोरक्षण सभा प्रकरण----
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नागपुर। नागपुर टुडे ने हाल ही में गोरक्षण सभा में गायों की बदहाली से संबंधित खबर प्रकाशित की थी, जिसे लेकर अब विवाद बढ़ने लगा है और इस पर राजनीति होने लगी है। जहां कुछ तत्वों ने इसे सनातन धर्म से जोड़ दिया है वहीँ कुछ गोरक्षण सभा की कार्य प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। जहां इस खबर के माध्यम से पाठकों के एक बड़े वर्ग ने गोरक्षण सभा में गौमाता की वर्तमान स्थिति का संज्ञान लिया है और इस समस्या के तत्काल निवारण पर जोर दिया है वहीँ कुछ अवांछित तत्व इस खबर के असली मुद्दे पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं और नागपुर टुडे संवाददाता को ही गलत ठहरा रहे हैं। इन तमाम आरोप-प्रत्यारोप के बीच इस खबर का असली चेहरा कहीं गुम होता नजर आ रहा है। ऐसे में नागपुर टुडे की टीम यह स्पष्ट करती है कि एक जिम्मेदार मीडिया हाउस होने के नाते हम सदैव सनातन धर्म को सर्वोपरि रखते हैं और इसके प्रति संपूर्ण श्रद्धा एवं उच्च सम्मान रखते हैं, लेकिन कुछ अनावश्यक तत्व इसे कुछ और ही रंग देने में जुट गए हैं। नागपुर टुडे दोबारा इस बात पर जोर देता है सनातन धर्म के प्रति सर्वोच्च सम्मान रखते हुए हम इसकी पवित्रता और गरिमा की रक्षा हेतु हर संभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नागपुर टुडे ने हमेशा सभी धर्मों की भावना के प्रति पूरा सम्मान रखा है और अपनी हर खबर में पूरी पारदर्शिता रखने का प्रयास किया है और हम आगे भी ऐसा ही करते रहेंगे।

मुद्दा गौमाता के सम्मान का

आइए अब बात करते हैं खबर की। नागपुर टुडे ने पिछले कई दिनों से गोरक्षण सभा धंतोली में निर्माण कार्य के चलते मवेशियों को हो रही भारी असुविधाओं के मद्देनजर यह खबर प्रकाशित की ताकि गौमाता को उचित सम्मान मिल सके और उनकी पर्याप्त देखभाल की जा सके। इस खबर की पीछे हमारी भावना इन निरीह प्राणियों के प्रति पूरी देखभाल सुनिश्चित करना है। गौमाता की पूजा की जाती है और हम भी यही मानते हैं कि किसी भी परिस्थिति में गौमाता की सेवा के साथ समझौता नहीं किया जाना चाहिए। गौमाता को उचित सम्मान दिलाने के उद्देश्य से ही इस खबर को सामने लाना हमने अपना कर्तव्य समझा। नीचे देखिए क्या थी वो खबर….

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इस खबर के जरिए हमारा उद्देश्य किसी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाना नहीं बल्कि वर्तमान वास्तविकता को सामने लाना है। जब इस खबर को लेकर हमने गोरक्षण सभा के सचिव प्रसन्ना पातुरकर से चर्चा की तो उन्होंने भी वर्तमान में मौजूद समस्या को स्वीकार किया, जिसके कारण मवेशियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। अपनी चर्चा में उन्होंने बताया था कि सुविधाओं के अभाव में उनकी संस्था को इन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने मनपा समेत शासकीय महकमों से भी उचित मदद ना मिलने की शिकायत की थी एवं यह भी बताया कि शाम 5 बजे के बाद मनपा का कोई भी पशु चिकित्सक उपलब्ध नहीं रहता है।

नियुक्त करें पशु चिकित्सक : मनपा उपायुक्त गजेंद्र महल्ले

जब नागपुर टुडे ने इस मुद्दे को लेकर मनपा के उपायुक्त (घन कचरा प्रबंधन) गजेंद्र महल्ले से चर्चा की तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वैसे तो मनपा की ओर से हर संभव सहायता की जाती है लेकिन गोरक्षण सभा को अपनी ओर से एक पशु चिकित्सक नियुक्त करना चाहिए। चैरिटी कमिश्नर के पास रजिस्टर्ड हर गौशाला की अपनी नियमावली होती है जिसके अनुसार उन्हें समस्त मवेशियों की उचित देखभाल करना चाहिए। उन्होंने बताया कि बड़ी सहायता के लिए सभा के पदाधिकारियों को नागपुर जिला प्राणी क्रूरता निवारण समिति के जरिए पशु कल्याण बोर्ड को अपनी समस्याओं से अवगत कराना चाहिए। उन्होंने नागपुर के ही बहादुरा स्थित गौशाला की जिक्र करते हुए बताया कि उनका अपना एक पशु चिकित्सक है और धंतोली की गोरक्षण सभा को भी इसी तरह एक नियमित पशु चिकित्सक की नियुक्ति करनी चाहिए।

2019 में रामटेक गौशाला को मिले थे 1 करोड़, नया अनुदान प्रस्तावित : डॉ नितिन फुके, सदस्य सचिव, नागपुर जिला प्राणी क्रूरता निवारण समिति

पशु पालन विभाग के उपायुक्त एवं नागपुर जिला प्राणी क्रूरता निवारण समिति के सदस्य सचिव डॉ नितिन फुके ने नागपुर टुडे को बताया कि रामटेक स्थित गौशाला को साल 2019 में पशु कल्याण विभाग की ओर से मवेशियों की उचित देखभाल, उन्हें आश्रय देने और चारे इत्यादि की व्यवस्था के लिए 1 करोड़ रूपए का अनुदान दिया गया था। इस अनुदान के बदले उनके लिए पशुओं को आश्रय देना अनिवार्य किया गया था। इसके अलावा हाल ही में नागपुर जिले में 13 गौशालाओं को अनुदान देने का प्रस्ताव पारित हुआ है, जिस पर जीआर के अनुसार अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि नागपुर गोरक्षण सभा के पास गौमाताओं की उचित व्यवस्था के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है तो वे नागपुर जिला प्राणी क्रूरता निवारण समिति को इसकी सूचना दे सकते हैं एवं अपनी आवशयक्ताओं के लिए लिखित आवेदन दे सकते हैं ताकि इन पशुओं की वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके। उन्होंने बताया कि उनकी ओर से गायों की देखभाल के लिए समय-समय पर दवाइयां, वैक्सीन एवं विशेष सहायता दी जाती है।

जल्द करेंगे गौशाला का अवलोकन : डॉ फुके

डॉ फुके ने बताया कि ज्यादातर गौशालाओं के संचालन के लिए श्रद्धालुओं एवं समाज सेवियों की ओर से धन राशि दान की जाती है और इसी वजह से कुछ गौशालाएं तो शासकीय अनुदान लेने से भी इंकार कर देती हैं। ऐसे में यदि गोरक्षण सभा को पशुओं की देखभाल में दिक्कत आ रही थी तो उन्हें संबंधित विभाग को अवगत कराना चाहिए था। उन्होंने बताया कि वे जल्द ही गोरक्षण सभा में जाकर पशुओं की स्थिति का अवलोकन करेंगे एवं इस मामले में उचित कार्रवाई करेंगे। गोरक्षण सभा में जारी निर्माण कार्य के चलते भले ही प्राणियों को अस्थायी रूप से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन अंत में सवाल यही उठता है कि क्या गौमाता की सम्मानजनक देखभाल करने, उचित चिकित्सा एवं आश्रय देने के लिए अलावा उनकी रक्षा और सम्मान जरूरी नहीं है?

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