Published On : Tue, Jul 12th, 2016

हज़ारे करेंगे जरूरतमंद विद्यार्थियों में निशुल्क ४०० साइकिलों का वितरण

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रविवार को पूर्व पालकमंत्री चतुर्वेदी व शहर कांग्रेसाध्यक्ष ठाकरे की उपस्थिति में आयोजन

Cycle donate to Students
नागपुर
: समाजकार्य की इच्छाशक्ति रही तो छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा कार्य मुमकिन हो जाता है। फिर इच्छाशक्ति रखने वाला किसी भी क्षेत्र का क्यों न हो। ऐसा ही एक शख्स जो हमेशा विवादों में घिरा रहता है। इसके बावजूद वह अपने क्षेत्र की जनता के हितार्थ आए दिन कुछ न कुछ उल्लेखनीय कार्य करता रहता है। वह है पुरुषोत्तम हज़ारे। आगामी रविवार १७ जुलाई २०१६ को पारडी में यह क्षेत्र के जरूरतमंद स्कूली छात्र-छात्रों में निशुल्क एक नहीं बल्कि ४०० अव्वल दर्जे के साइकिलें वितरित करने का कार्यक्रम का आयोजन किया है। पिछले वर्ष आसपास के प्रभाग के जरूरतमंद बच्चों में ३०० साइकिलो का वितरण किया गया था।

हजारे प्रभाग-३५ से कांग्रेसी नगरसेवक है। पिछले ४ वर्षो में वह किसी भी बड़े पद पर नहीं रहा। क्षेत्र की रोजमर्रा जरूरतों और मुलभुत सुविधा दिलवाने के लिए अपने अकेले के दम पर हजारों प्रभावित नागरिकों का मोर्चा निकला और सभागृह में अपनी आवाज बुलंद की लेकिन पक्ष का वजन न पड़ने से हमेशा असफलता हाथ लगी।मनपा प्रशासन ने भी हमेशा हज़ारे का चुनावी क्षेत्र नासुप्र के दायरे में होने का बहना कर अपना पल्ला झटकते रही। इसके बावजूद क्षेत्र की जनता की जरूरतों के मद्देनज़र हजारे ने अब तक पारडी इलाके के सभी प्रभाग में सिटी बस सुविधा, अनाधिकृत ले-आउट को अधिकृत करने, इन अनाधिकृत ले-आउट में नगरसेवकों को नगरसेवक निधि से काम करने का अधिकार मिलने जैसे इस परिसर अनेकों जनहितार्थ पहल, आंदोलन व कार्यक्रम किये है।

आगामी रविवार को आयोजित कार्यक्रम में ४०० जरूरतमंद गरीब विद्यार्थियों में पूर्व पालकमंत्री सतीश चतुर्वेदी और शहर कांग्रेसाध्यक्ष विकास ठाकरे के हाथों १५-१६ लाख रूपए खर्च कर हीरो कंपनी की साइकिल का वितरण किया जायेगा।

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इसके पीछे का उद्देश्य बताते हुए हज़ारे ने कहा कि, इस क्षेत्र में स्कूल काफी दूर-दूर है। आवागमन के लिए उचित व्यवस्था तो है नहीं और है भी तो विद्यार्थी के परिजन इतने गरीब है कि आवागमन का खर्च नहीं उठा सकते और पढ़ने के इच्छुक विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाने के लिए हमने मित्र परिवार के सहयोग से उक्त कार्यक्रम का आयोजन किया है.

उल्लेखनीय यह है कि पैसे तो सभी अपने-अपने ढंग से कमाते है। लेकिन सुकून उन्हें ही नसीब होता है जो उस पैसे से अपना, अपने परिजन और बगैर भेदभाव किये जरूरतमंदों में अपने कमाए पैसे का सदुपयोग करता है। ऐसे शख्स शहर में उंगलियों पर गिनने लायक है। उनमें से हज़ारे एक है जो पिछले ४ वर्षो से अपने जन्मदिन पर कभी सम्पूर्ण पारडी को जगमग करवाते है। तो कभी लाखों रूपए खर्च कर मटेरियल परिसर में बिछाते है। पिछले २ साल से गरीब जरुरतमंदो में साइकिलों वितरण कर रहे है.

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– राजीव रंजन कुशवाहा