Published On : Wed, Mar 27th, 2024
By Nagpur Today Nagpur News

भंडारा/गोंदिया: ” टिकट महा विकट ” भाजपा-कांग्रेस में उठा-पटक जारी

आज नामांकन का आखिरी दिन , डॉ प्रशांत कटरे लड़े निर्दलीय चुनाव तो BJP की बढ़ेंगी मुश्किलें, नाना पटोले उतरे मैदान में तो होगा रोचक मुकाबला
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गोंदिया। लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है , भाजपा की तीसरी सूची आने के साथ बीजेपी ने सुनील मेंढे को उम्मीदवार घोषित किया है तथा वे मोदी रथ पर सवार होकर दूसरी पारी खेलने को तैयार है और आज महायुति गठबंधन के नेता उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस , भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले तथा राष्ट्रवादी के कार्याध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के साथ जाकर भंडारा कलेक्टर ऑफिस में नामांकन दाखिल करेंगे।

टिकट के दावेदारों में डॉ प्रशांत कटरे को टिकट नहीं मिलने की वजह से विशेषतः पवार समाज के भीतर काफी रोष व्याप्त हो गया है तथा उनके समर्थकों की ओर से बागी तेवर दिखाकर निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल करने की अपील डॉ प्रशांत कटरे से की जा रही है और इसको लेकर बैठकों का दौर शुरू हो चुका है।

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फिलहाल समर्थकों से आमजनों की भावनाओं के अनुसार आगे का फैसला लिया जाएगा ऐसी बात कही जा रही है ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि नामांकन पत्र दाखिल करने की आज आखिरी तारीख है तो क्या डॉ .प्रशांत कटरे बतौर निर्दलीय चुनावी रणभूमि में ताल ठोंकते हैं ?

हालांकि टिकट के आस में अन्य प्रबल दावेदार डॉ परिणय फुके ने पार्टी के साथ जाने की बात कही है।

कुछ भाजपा कार्यकर्ता सोशल मीडिया के ज़रिए तर्क दे रहे हैं कि शिशुपाल पटले को 2009 में भाजपा ने दोबारा अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन वह राकांपा के उम्मीदवार प्रफुल्ल पटेल से बड़े अंतर से चुनाव हार गए थे और बीजेपी को निर्दलीय उम्मीदवार नाना पटोले से भी कम वोट मिले थे और उन्हें तीसरा स्थान नसीब हुआ था।

सिफारिश से नहीं , सर्वे रिपोर्ट से नाम तय होते हैं- भाजपा

क्या सियासी फिज़ा का सही रुख नहीं भांप पाई भाजपा ? दांव उल्टा तो नहीं पड़ेगा ! यही आशंका गोंदिया जिला भाजपा कार्यकर्ताओं की है लिहाज़ा चुनाव प्रचार को लेकर उनमें कोई खास जोश दिखाई नहीं दे रहा , वहीं टिकट वितरण को सही करार देते कुछ भंडारा भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा- बीजेपी में , सिफारिश से नहीं- सर्वे रिपोर्ट से नाम तय होते हैं ? महायुति में सहयोगी दलों के नेताओं के राय ली जाती है तब टिकट फाइनल होता है , इस बार के चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर लड़े जा रहे हैं ना कि किसी उम्मीदवार के नाम पर ? ऐसे में आम मतदाता मोदी के नाम पर ही कमल निशान पर मुहर लगाएगा।

कांग्रेस राजनीतिक दांव खेल , आखिरी वक्त में कहीं उम्मीदवार न बदल दे ?

भाजपा के अंदर खाने चल रही गहमागहमी के बीच कांग्रेस (महाविकास आघाड़ी ) भी अछूती नहीं है।
कांग्रेस लाख दावे करे कि पार्टी ने युवा चेहरों को उतारने की रणनीति तैयार की है लेकिन यह भी उतना ही सच है कि कांग्रेस के उम्मीदवार प्रशांत पडोले को राजनीति के जानकारों द्वारा बेहद हल्के में लिया जा रहा और उसे बदलने की मांग भी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की ओर से जोर-शोर से की जा रही है।

अब चूंकि भाजपा ने अपने पत्ते खोल दिए हैं ऐसे में कांग्रेस शह और मात के लिए कोई बड़ी शतरंज की चाल चल सकती है , आखरी ओवर की आखिरी गेंद पर कांग्रेस राजनीतिक दांव खेल कर प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले को गोंदिया भंडारा सीट से उम्मीदवार घोषित कर सबको चौंका सकती है ऐसा कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है।
क्योंकि सुनील मेंढे को दोबारा उम्मीदवारी दिए जाने से भाजपा कार्यकर्ता और मतदाताओं के बीच गहमागहमी मची हुई है ।
पवार समाज के व्यक्ति और संघ के आरोग्य भारती से जुड़े कार्यकर्ता डॉ प्रशांत कटरे को टिकट न मिलने से पवार समाज खासा नाराज है , जानकारों की मानें तो पिक्चर अभी बाकी है ? कांग्रेस पार्टी इसी का लाभ उठ सकती हैं ऐसे में गोंदिया भंडारा सीट पर उम्मीदवार बदलकर नाना पटोले अगर मैदान में आते हैं तो मुकाबला बेहद रोचक हो जाएगा।
यहां बता दें कि डॉ प्रशांत कटरे बागी तेवर अपनाते बतौर निर्दलीय नामांकन दाखिल कर सकते हैं ? जाहिर है ऐसे में भाजपा के हाथ से पवार वोटर बड़े पैमाने पर छिटकेगा जिसका फायदा कांग्रेस उम्मीदवार को होगा।

कमजोर इच्छा शक्ति के चलते तीन परियोजनाओं पर लगा ब्रेक

भाजपा के भीतर मचे अंतर्कलह को शांत करने के लिए पार्टी के बड़े नेताओं की ओर से दावेदारों से अपील की जा रही है कि सिफारिश नहीं.. सर्वे का है जमाना ? इसी के तहत सुनील मेंढे को दोबारा उम्मीदवार बनाया गया है जबकि भाजपा कार्यकर्ता सोशल मीडिया के जरिए सीधा आरोप लगा रहे हैं कि मौजूदा सांसद सुनील मेंढे के पंचवर्षीय कार्यकाल का कोई खास बड़ा काम गिनवा दीजिए विरोध के सुर खुद-ब-खुद थम जाएंगे।

भंडारा जिले के साकोली तहसील के मुंडीपार में ‘ भेल प्रकल्प ‘ ( भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड ) के सोलर प्लांट के लिए 510 एकड़ जमीन किसानों से अधिगृहीत कर दी गई लेकिन जमीन पर किसी भी प्रकार का कोई सोलर प्रकल्प तैयार नहीं हुआ और जमीन की लीज एमआईडीसी ने रद्द कर दी है कुछ ऐसा ही हश्र वीडियोकॉन प्रकल्प का भी हुआ ।

गोंदिया भंडारा जिला धान उत्पादक जिला है यहां धान की चुराई के बाद तनस का कुछ हिस्सा पालतू पशु चारे के तौर पर इस्तेमाल के लिए रखा जाता है बाकी को खेत में पराली के रूप में जला दिया जाता है।

बायोडीजल उत्पाद के लिए कृषि आधारित इथेनॉल बनाने की परियोजना के लिए भंडारा महामार्ग के बाईपास रोड पर ग्राम तिड्डी के पास मकरधोकड़ा में 146 हेक्टेयर जमीन भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड ( बीपीसीएल ) को 2019 में दी गई इस मंजूर परियोजना पर 1500 करोड़ का खर्च अपेक्षित था ।

लेकिन यह परियोजना कमजोर राजनीतिक इच्छा शक्ति के चलते ठंडे बस्ते में चली गई लिहाज़ा ना तो किसानों को 2 रुपए प्रति किलो तनस का पैसा मिला और ना ही 5000 लोगों को रोजगार मिला , अब यही सवाल मतदाता उठा रहे हैं।

रवि आर्य

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