मुंबई/नागपुर: लंबे समय से अपनी सुरक्षा के हक़ की लड़ाई लड़ रहे राज्य के पत्रकारों को बड़ी कामियाबी मिली है। शुक्रवार को विधिमंडल में पत्रकार हमला विरोधी विधेयक पास हो गया। गुरुवार को ही इस बिल के ड्राफ्ट को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान की थी और शुक्रवार को इसे सदन में पेश किया गया। देश भर में काम के दौरान पत्रकारों पर हमला आम बात हो चली है। राज्य में तो स्थिति अधिक चिंताजनक है। रिपोर्टिंग के दौरान कई पत्रकारों को निशाना बनाया गया जिसमें से कई घटनाओं में पत्रकार को अपनी जान से हाँथ तक धोना पड़ा। राज्य के पत्रकार और उनसे जुड़े संगठन लंबे समय से अपने संरक्षण के लिए कानून की माँग कर रहे थे जिसे आखिरकार फडणवीस सरकार ने अमली जामा पहनाया।
क़ानून में तीन साल की सज़ा और 50 हजार जुर्माने का प्रावधान
सरकार द्वारा पत्रकारों के लिए बनाये गए बिल के ड्राफ्ट के मुताबिक अगर काम के दौरान पत्रकार पर हमला होता है तो आरोपी को तीन साल की सज़ा या 50 हजार रूपए जुर्माना अथवा दोनों की सज़ा हो सकती है। अगर पत्रकार की संपत्ति का नुकसान हमले के दौरान होता है तो उसकी कीमत का दोगुना दंड का प्रावधान किया गया है। पत्रकार पर हमला करने वाले व्यक्ति पर गैरजमानती मामला दर्ज होगा और उसके ईलाज का खर्च भी हमला करने वाले आरोपी को ही उठाना पड़ेगा।
झूठी शिकायत पर पत्रकार को होगी सज़ा
पत्रकार को संरक्षण देने के अलावा इस कानून का दूसरा पक्ष ये भी है की अगर कोई पत्रकार किसी पर उस पर हमले का झूठा मामला दर्ज करता है और यह आरोप सिद्ध होता है। तो गलत शिकायत के आधार पर पत्रकार को तीन वर्ष का कारावास और 50 हज़ार जुर्माना लगाया जायेगा।

