Published On : Wed, Feb 7th, 2018

सफेदपोश लोगों द्वारा की जाने वाली अवैध वसूली से त्रस्त सुपारी व्यापारियों ने किया प्रदर्शन

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नागपुर: व्यापारियों के साथ होने वाली अवैध वसूली और हफ़्तागिरी के विरोध में बुधवार को ईतवारी में व्यापारियों द्वारा प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन ख़ास तौर पर सुपारी व्यवसाय से जुड़े दुकानदार और काम करने वाले कर्मचारियों ने किया। मंगलवार को शहर के कलमना इलाके के इंड्रस्टियल एरिया में सत्यप्रकाश मौर्य नामक व्यापारी से वसूली के लिए कुछ लोग उनकी दुकान पहुँचे थे। व्यापारियों के मुताबिक दुकान में आए करीब 30 लोगों के पास धारदार हथियार थे। आरोपियों ने सबसे पहले मौर्य को बंधक बनाकर उससे उगाही का न सिर्फ प्रयास किया बल्कि वहाँ मौजूद मजदूरों और कर्मचारियों को दुकान के भीतर ही बंद कर दिया गया था। मौर्य की दुकान में वसूली के लिया पहुँचने वाले लोग एक विशेष राजनीतिक संगठन से ताल्लुख रखते थे।

सुपारी का व्यापर बीते कुछ दिनों से चर्चा में है। अवैध सुपारी व्यापर का नागपुर बड़ा केंद्र होने का खुलसा होने के बाद ईमानदारी से अपना व्यवसाय करने वाले लोग भी शक की निगाह से देखे जा रहे है। जिस वजह से व्यापारियों को डरने धमकाने का सिलसिला भी बढ़ गया है। ईतवारी के मस्कासाथ चौक पर किये गए प्रदर्शन में सुपारी व्यापारियों के साथ बाजार के अन्य व्यापारी, दुकानों में काम करने वाले मजदुर और मालढुलाई करने वाले वाहनचालक और हमाल शामिल थे।

लगातार हो रही वसूली के ख़िलाफ़ बुधवार को एक दिन का प्रदर्शन किया गया लेकिन व्यापारियों के मुताबिक यह सिलसिला पिछले दो वर्षो से शुरू है। कभी किसी कार्यक्रम,आयोजन और समारोह के नाम पर लाखों रुपयों की वसूली हो रही है। व्यापारी का कहना है वो अब इन सबसे त्रस्त हो चुके है उन्हें न्याय चाहिए। अगर उनकी सुनवाई नहीं होती है तो उन्हें मजबूरन अपना व्यापार नागपुर से बंद करना पड़ेगा। उनके व्यापार को शक की निगाहों से देख कर विभिन्न सरकारी विभागों से शिकायत का डर दिखाकर यह वसूली हो रही है। व्यापारियों के अनुसार उन्हें पुलिस और प्रशाषन पर भरोसा है। कई मौकों पर पुलिस उन्हें साथ देती है बावजूद इसके वसूली करने वाले लोग सफेदपोश है इसलिए उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। पुलिस अगर किसी पर कार्रवाई करना भी चाहे तो राजनीतिक दबाव के चलते ऐसा नहीं हो पता।


-सुपारी कारोबार से जुड़े युवा व्यापारी वसीम बावना के अनुसार बीते दो सालों से वसूली और गुंडागर्दी का यह क्रम जारी है जिससे वो परेशान हो चुके है। वसूली के लिए कई ग्रुप हो चुके है जो आये दिन पैसे की डिमांड करते है। यहाँ तक की मर्डर और किडनैपिंग तक की धमिकी दी जाती है।

-व्यापारी राजेश घई मीडिया में बात रखते हुए भावुक होकर बताते है कि अब बाज़ार में जो कुछ हो रहा है वह बर्दाश्त से बाहर हो चुका है। पैसे ऐठने के लिए हम पर दबाव बनाने वाले लोग हमें जताते है की हम गैरकानूनी काम कर रहे है। सुपारी के कारोबार की इजाज़त सरकार से मिली है। सरकार के विभाग हमारी जाँच करे हम सहयोग देंगे लेकिन ऐसा ही चलता रहा तो हमें अपना काम धंधा ही बंद करना पड़ेगा।

-नरेंद्र ठुढेजा के मुताबिक असामाजिक तत्व के लोगों ने व्यापारियों से वसूली को अपना रोजगार बना लिया है। इस सबका असर व्यापारी के साथ साथ दिहाड़ी का काम करने वाले गरीब मजदूरों पर पड़ रहा है। डर के कारण व्यापारी व्यापार नहीं कर पा रहा जिस वजह से उन पर आश्रित लोगों के रोज़गार पर इसका असर हो रहा है।