Published On : Fri, Nov 10th, 2017

रेरा लिस्टिंग के बिना बिल्डर को लोन नहीं देंगे बैंक

नए रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट यानी रेरा (RERA) से बचने की जुगत लगा रहे बिल्डर अब बैंक के रडार से भी बाहर हो सकते हैं. रिजर्व बैंक से संपर्क के बाद बैंक ने यह फैसला किया है कि रेरा में बिल्डर ने जिस प्रोजेक्ट के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उसे लोन नहीं दिया जाय.

नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर एक बैंकर ने कहा, ‘रेरा ने रातोंरात कारोबार समेटने वाले बिल्डर के लिए कुछ कड़े प्रावधान बनाये हैं, इसलिए हमने भी सुरक्षा संबंधी उपाय अपनाते हुए उन प्रोजेक्ट को फंड नहीं उपलब्ध कराने का फैसला किया है जो रेरा में रजिस्टर्ड नहीं हैं.’

उन्होंने कहा, ‘इन नियमों का पालन करने से हमरे हितों की भी रक्षा की जा सकेगी. बाद में पछताने से अच्छा है कि हम पहले सावधानी बरतें.’ इसके साथ ही बैंक ने लोन देने के लिए कई बिल्डर्स से अतिरिक्त कोलेटरल की मांग की है. इसमें प्रमोटर की निजी संपत्ति को लोन की गारंटी के तौर पर रखा जा सकता है.

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एक PSU बैंक के अधिकारी ने कहा, ‘अगर हम कानून के हिसाब से बनाये गए दायरे में भी कर्ज दे दें, तब भी इससे हमारा लोन सुरक्षित नहीं होता. अगर लोन डूब जाता है तो हमें ग्राहकों को तो पैसा वापस करना पड़ता है, लेकिन हमें इसकी भरपाई नहीं की जाती.’

नए रेरा कानून के तहत किसी बिल्डर को किसी प्रोजेक्ट के लिए जुटाई गयी रकम का कम से कम 70 फीसदी रकम एक अलग एकाउंट में रखना होगा. इससे उनके पास इस बात की बाध्यता हो जाती है कि वे इस पैसे को उसी प्रोजेक्ट में लगायेंगे जबकि पहले वे अपने पैसे का मनमाने तरीके से उपयोग कर सकते थे.

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